Wednesday, May 22, 2013

महान और सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति


महान और सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति आयु की 
 प्रारम्भिक अवस्था से लगाकर
 अंत तक समाज और राष्ट्र के लिए जीते है 
 सामान्य   व्यक्ति एक आयु तक स्वयं के लिए जीता है 
उसके पश्चात वह अपनी संतानों के लिए
 और आयु का महत्वपूर्ण अंश व्यतीत हो जाने के 
पश्चात अपने परिवार कुल के लिए 
अपनी क्षमताओं को न्यौछावर कर देता है 
व्यक्ति का व्यक्तित्व जब सम्पूर्णता प्राप्त कर लेता है
 जब वह अपनी सारी जिम्मेदारियों को पूर्ण करने के पश्चात
 अपना जीवन समाज और राष्ट्र को समर्पित कर देता है
 तथा वह समाज और राष्ट्र के लिए जीता है 
सामाजिक  परिवेश में अधिसंख्य व्यक्ति ऐसे है
 आयु के पूर्वार्ध्द से लगाकर आयु के उत्तरार्ध्द तक
 मात्र स्वयं के लिए जीते है
 ऐसे व्यक्ति अत्यंत स्वार्थी व्यक्ति होते है 
अपने स्वार्थ के सामने पारिवारिक ,सामाजिक, 
राष्ट्रीय हितो को महत्व नहीं देते 
उनका स्वकेंद्रित सोच परिवार समाज और राष्ट्र को
 पतन की और ले जाता है 
हमारा प्रयास यह होना चाहिए की 
हम महान व्यक्तियों का अनुसरण करे उनकी पूजा नहीं 
सामान्य व्यक्ति की तरह हम निज स्वार्थ से शनै शनै 
पारिवारिक स्वार्थ और निरंतर अग्रसर होते हुए
 राष्ट्रीय हितो की और उन्मुख हो जाए