Wednesday, July 16, 2014

शिव पूजा

श्रावण मॉस में शिव पूजा पर 
 अधिक जोर दिया जाता है 
शिव जी को प्रसन्न करने के लिए
 भक्त तरह तरह की साधना और अनुष्ठान करते है 
शिव जी आशुतोष अर्थात शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता है 
परन्तु शिव जी वास्तव में 
वर्तमान की परिस्थितियों से प्रसन्न है 
यदि ऐसा है तो शिव जी से जुड़े तीर्थ केदारनाथ 
पर ध्वंस क्यों हुआ था 
शिव जी को वास्तव में प्रसन्न करना चाहते है तो 
हमें ह्रदय में श्रीराम को बसाना होगा 
क्योकि शिव जी का एक नाम रामेश्वर भी है 
श्रीराम बन कर उनके आचरण को आत्मसात कर 
यदि हम शिव जी की अल्प साधना भी करेंगे 
तो शिव जी सच मुच प्रसन्न होगे 
उल्लेखनीय है की रावण भी शिव भक्त था 
परन्तु उसकी शिव भक्ति में राम जैसी सादगी नहीं थी 
वैभव था शक्ति प्रदर्शन था अहंकार था शिव जी की साधना 
रावण जैसे दुर्गुणों से युक्त व्यक्ति करे तो 
वह शिव पूजा का कितना ही पाखण्ड कर ले
पर सही अर्थो में शिव जी के आशीष 
उसको नहीं मिल पायेगा 
श्रीराम जैसी शिव भक्ति करने से 
जिस प्रकार से श्रीराम जी को शिव जी के अंशावतार 
हनुमान जी प्राप्त हुए थे 
उसी प्रकार से शिव अर्थात  दुसरो के कल्याण करने वाले 
 व्यक्तियों का सानिध्य सहयोग और हमें प्राप्त होगा
इस बिंदु पर दृष्टिपात किया जाना आवश्यक है