Saturday, February 20, 2016

स्मार्ट सिटी के बीच भिक्षा वृत्ति

वर्तमान में स्मार्ट सिटी योजना के तहत
 देश के प्रमुख शहरों को सजाया संवारा जा रहा है शहरों को प्रदुषण मुक्त बनाने 
और स्वच्छता पूर्ण  बनाने का प्रयास किया जा रहा है इस हेतु शहरों में हौड़ सी मची हुई है
 परन्तु इस दिशा में किसी का ध्यान नहीं जा रहा है कि शहरों भिक्षावृत्ति के कारण 
कितनी अव्यवस्था गन्दगी 
और अपराधिक् गतिविधियों पनप रही है 
बड़े शहरों में ही नहीं 
प्रमुख तीर्थ स्थलो में भी 
बदते भिखारियो की संख्या चिंताजनक है 
वृध्द .अशक्त. विकलांग  और विक्षिप्त .अर्धविक्षिप्त भिखारियो की फौज के बीच 
युवा हृष्ट पुष्ट महिला पुरुष
 भिखारियो को देख कर ऐसा लगता है 
कि शासन द्वारा इन लोगो के लिए 
कोई योजनाये बनाई ही नहीं गई है 
या शासन द्वारा बनाई गई 
योजनाये परिश्रम की प्रधानता के कारण 
ये लोग भिक्षा वृत्ति कर रहे है 
महत्वपूर्ण यह होगा कि 
इन युवा और स्वस्थ भिखारियो की पहचान कर 
इन्हें कार्य कुशल बना श्रम प्रधान रोजगार में लगा कर इन्हें आर्थिक रूप से स्वालम्बी बनाया जाए ।
इनमे जो भिखारी निकम्मे और अकर्मण्य हो 
उनसे स्थानीय निकायों द्वारा 
नगर के स्वच्छता के कार्यो में
 उपयोग लिया जा सकता है 
इसके लिए सामाजिक सांस्कृतिक 
स्वयं सेवी संगठनो का सहयोग भी लिया जा सकता है
वे भिखारी जो नदियो के पावन घाटो पर
 भिक्षा वृत्ति कर रहे है 
उनसे सप्ताह में एक बार घाटो की 
साफ़ सफाई कराई जा सकती है 
इस कार्य के लिए उन्हें शासन द्वारा निर्धारित पारिश्रमिक दिया जा सकता है 
उपरोक् कदम से भिक्षा वृत्ति की समस्या से
 बहुत हद तक मुक्ति मिल सकती है
 और स्मार्ट सिटी के मुखड़े से 
भिक्षा वृत्ति का कलंक मिटाया जा सकता है