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Sunday, April 1, 2018

वैदिक दैविक यज्ञ

चार दिन की चांदनी फिर अंधियारी रात

जो मस्ती में मस्त रहा ईश्वर उसके साथ 

 

जहा रही नई सोच है जीवन है गतिमान

स्थिरता में शून्य रहा विकसित ऊर्जावान

 

जीव है जग में पड़ा रहा जीवन का न पार

हे! नारायण दूत हमे दुर्गम पथ से तार

 

हर कण में है व्याप्त रहा परमेश्वर सर्वज्ञ 

जीवो का कल्याण करे वैदिक दैविक यज्ञ