अस्मिता आत्मसम्मान
सुनने में एक जैसे लगते है
सुनने में एक जैसे लगते है
परन्तु आत्म सम्मान से अधिक गहरा अर्थ
अस्मिता का होता है
आत्म सम्मान का सम्बन्ध
व्यक्ति की भावना से होता है
जबकि अस्मिता का सबंध व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा निजता
महिला की सुरक्षा से होता है
महिला की इच्छा के बिना उसकी देह को स्पर्श
एक अपराध ही नहीं
महिला वर्ग की अस्मिता पर प्रहार होता है
व्यक्ति के स्वयं निर्णय लेने की क्षमता पर
तरह तरह के प्रतिरोध उसकी
अस्मिता को नकारना होता है
व्यक्ति की क्षमताओं को कैद कर
उसे अपने अनुकूल कार्य करने को बाध्य करना
व्यक्ति की अस्मिता को खंडित करना है
अस्मिता व्यक्ति परिवार समाज राष्ट्र की हो सकती है
जबकि आत्म सम्मान व्यक्तिगत होता है
संस्कृतियों पर आक्रमण
सामाजिक अस्मिता पर चोट है
व्यक्ति को उसके इच्छित आजीविका न करने देना
स्वालम्बन में कठिनाइयाँ उत्पन्न करना
किसी व्यक्ति में आत्मविश्वास को विचलित कर देना
समाज परिवार में भय का वातारण पैदा कर देना
अस्मिता पर प्रहार के कई तरीके हो सकते है
अस्मिता शब्द संस्कृत भाषा के अस्मि शब्द से
बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है "हूँ "
अस्मिता का पूरा अर्थ " मै हूँ "
किसी व्यक्ति के आत्मविश्वास का पैमाना
अस्मिता ही होती है
यदि किसी व्यक्ति का आत्मविश्वास कमजोर
करना हो तो उसकी अस्मिता को चोट
पहुंचाई जाती है
इसलिए व्यक्ति के सामाजिक सुरक्षा की गारंटी
समृध्दि अस्मिता है
जिस व्यक्ति में अस्मिता बोध नष्ट हो जाता है
उसकी बहु आयामी चेतना शून्य हो जाती है
वह गौतम ऋषि पत्नी अहिल्या की तरह
पाषाणवत हो जाता है मर्यादा पुरुषोत्तम
श्री राम ने तत्समय अहिल्या की
अस्मिता को जगाया था
किसी व्यक्ति के आत्मविश्वास का पैमाना
अस्मिता ही होती है
यदि किसी व्यक्ति का आत्मविश्वास कमजोर
करना हो तो उसकी अस्मिता को चोट
पहुंचाई जाती है
इसलिए व्यक्ति के सामाजिक सुरक्षा की गारंटी
समृध्दि अस्मिता है
जिस व्यक्ति में अस्मिता बोध नष्ट हो जाता है
उसकी बहु आयामी चेतना शून्य हो जाती है
वह गौतम ऋषि पत्नी अहिल्या की तरह
पाषाणवत हो जाता है मर्यादा पुरुषोत्तम
श्री राम ने तत्समय अहिल्या की
अस्मिता को जगाया था