दुष्ट कितना भी शक्तिशाली हो वीर उनका सामना कर उन्हें परास्त कर दंड देते है विद्वानों गुणवानों का सम्मान करते है कमजोरो को अभयदान देते है विपत्ति ग्रस्त लोगों को सहयोग करते है वीरता कप यह भाव लुप्त होता जा रहा है वीरता के भाव के स्थान पर मानसिक नपुंसकता अधिक मात्रा में व्याप्त होने लगी है
मानसिक नपुंसकता पारिवारिक सामाजिक प्रशासनिक राजनैतिक स्तरों पर पाई जाने लगी है मानसिक रूप से नपुंसक्त व्यक्ति प्रभावशाली और शक्तिशाली दुष्ट व्यक्तियों से दुष्प्रभावित होकर उन्हें सुविधाएं और अवसर प्रदान करते है कमजोर व्यक्तियों का शोषण करते है और विपत्ति ग्रस्त व्यक्तियों की सहायता से मुख मोड़ते है इस प्रकार मानसिक नपुंसकता से ग्रस्त व्यक्ति हमारे समाज परिवार और प्रशासन को खोखला कर रहे हैं मानसिक रूप से नपुंसकता स्तर स्थानीय से लगा कर अंतरराष्ट्रीय हो सकता है अंतरराष्ट्रीय स्तर की नपुंसकता दुर्बल राष्ट्र का दमन करती है