वेलेंटाइन डे हो या वसंत पंचमी
दोनों का सम्बन्ध प्रणय और प्रेम से है
दोनों दिवसो के बीच क्या अंतर है
वेलेंटाइन डे प्रेम युध्द क्षैत्र से
पलायन के भाव से परिचित कराता है
जबकि वसंत पंचमी प्रेम को प्रज्ञा के साथ
कर्म को धर्म से जोड़ता है
पश्चिम का प्रेम जो वेलेंटाइन डे के विचार पर आधारित है
प्रेम को वासना के धरातल तक ले जाता है
जबकि ऋतुराज वसंत का सौंदर्य
प्रकृति से परिणय का भाव लेकर
प्रेमियो की आत्मा तक समा जाता है
आत्मा अजर है आत्मा का प्रेम अमर है
वसंत पंचमी पर भारतीय संस्कृति में
विवाह करने अत्यधिक महत्व है
विवाह प्रेम पर आधारित हो
इसलिए वसंत पंचमी का पर्व बना है
प्रेम में सौंदर्य हो ,प्रणय हो
पर प्रेम में भाव स्प्ष्ट हो
जीवन में नही किसी प्रकार का कष्ट हो
इसलिए प्रज्ञा की देवी माँ सरस्वती की होती आराधना है
भारतीय प्रेम अध्यात्म की ऊंचाई तक जाता है
या भाव भरी गहराईयो तक गहराता है
युध्द से पलायन नही सीखाता है
बल्कि देश और समाज के प्रति बलिदान की भावना को जगाता है
इसलिए वेलेंटाईन डे से नही वसंत पंचमी से जुड़ो
प्रेम के लगाकर के पंख
सभ्यता संस्कृति और अध्यात्म के नीले गगन मे उड़ो
सभ्यता संस्कृति और अध्यात्म के नीले गगन मे उड़ो
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