Tuesday, February 16, 2016

मौन की महत्ता

मौन रहने के कई फायदे है 
मौन वह शैली है 
जिसके कई कायदे है 
मौन वह आवरण है 
जो मूर्खता को ढंक लेता  है 
मर्यादा दूसरे की और अपनी रख लेता है 
मौन से व्यक्ति शान्ति प्रिय कहलाता है 
दूसरा कितना भी अशांत हो 
खुद शान्ति को पाता  है 

मौन एक तपस्या है तप  का प्रतीक है 
मौन संकेतो की व्याख्या 
नहीं की जा सकती ठीक ठीक है 
मौन एक अनुशासन है 
मौन की अपनी व्यवस्थाये है 
छुप  जाती है सभी कमजोरिया 
परिलक्षित नहीं हो पाती शिथिलताये है 
मौन रहने वाला कभी नहीं पछताता है 
क्योकि जो  वह नहीं बोला 
वह होने पर उसे बोला हुआ माना जाता है 
और कुछ नहीं होने पर न बोलना काम आता है 

मौन एक कला है 
संवेदना के स्तर पर 
व्यक्ति का व्यक्तित्व निखरा है ढला है 
मौनी व्यक्ति को 
मौन रहने से मिलती  खुशिया 
दुगुनी चौगुनी सौगुनी है 
मौन रहने वाले व्यक्ति के साथ 
कभी नहीं होती अनहोनी है 
क्योकि जो बात  होनी है वह होनी है 
नहीं होनी है वह कभी नहीं होनी है 
इसलिए झूठ और कटु बोलने से 
बचना हो तो मौन रहो 
तटस्थ और निष्पक्ष दिखना है तो मौन रहो 

मौन वह शस्त्र है 
जो मुस्कान को जन्म देता है 
व्यक्ति जब मुस्कराता है 
तो भाव कई अर्थ लेता है 
कितना भी कर ले पाप 
वह अपने माथे पर नहीं लेता है 
वर्ष में मात्र एक बार मौन अमावस्या आती है 
जो मौन रहने की महिमा सिखला कर 
चुपचाप चली जाती है
इसलिए बंधुओ मौन की ताकत को 
पहचानो समझो और जानो 
कुछ अनर्गल बोलने से पहले 
मौन रहने में अपना भला मानो  

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