स्वाध्याय से ज्ञान की प्राप्ति होती है
परन्तु अभ्यास से ज्ञान के उपयोग का कौशल्य प्राप्त होता है
ज्ञान जब तक व्यवहारिक उपयोगिता प्राप्त नहीं कर पाता
वह विज्ञान का रूप धारण नहीं करता है
इसलिए विज्ञान में प्रयोग होते है
प्रयोग से अभ्यास किया जाता है
निरंतर अभ्यास से विषय में विशेषञता दक्षता प्राप्त होती है
परन्तु अभ्यास से ज्ञान के उपयोग का कौशल्य प्राप्त होता है
ज्ञान जब तक व्यवहारिक उपयोगिता प्राप्त नहीं कर पाता
वह विज्ञान का रूप धारण नहीं करता है
इसलिए विज्ञान में प्रयोग होते है
प्रयोग से अभ्यास किया जाता है
निरंतर अभ्यास से विषय में विशेषञता दक्षता प्राप्त होती है
अभ्यास ही गुरु है अभ्यास ही अनुभव है
अभ्यास से प्रावीण्य है अभ्यास ही एकलव्य है
गुरु केवल मार्ग दर्शन दे सकता है
परन्तु ध्येय की प्राप्ति अभ्यास से ही संभव है