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Monday, March 16, 2020

सफलता का सूत्र -नियमित जीवन

सफलता के सूत्र अनेक है परंतु नियमित जीवन व्यक्ति के सफलता की कुंजी है । किसी भी सफल व्यक्ति के जीवन पर दृष्टिपात करो यही पाओगे की उसका नियमित जीवन है ।सोने ,उठने ,बैठने ,खाने, पीने,नहाने ,आने ,जाने, व्यायाम, ध्यान, पूजा इत्यादि का एक निश्चित क्रम है ।नियमित जीवन से तन के साथ मन भी स्वस्थ रहता है ।समय पर उचित भोजन करने से शरीर को पोषण प्राप्त होता है ।समय पर व्यायाम से शरीर मे ऊर्जा बनी रहती है ।समय पर नींद लेने से आलस्य और प्रमाद नही रहता। निर्धारित समय पर तैयार होकर अपने कार्य स्थल पर जाने से और समय पर कार्य निबटाने से कार्य का दबाव नही रहता ।प्रत्येक कार्य मे वांछित परिणाम प्राप्त होते है । जीवन मे कोई भी लक्ष्य असम्भव नही रह जाता । कितना व्यायाम करना है ?कितना भोजन करना है ?कितनी नींद लेना है? ।यह व्यक्ति के व्यवसाय की प्रकृति पर निर्भर है सभी के लिए कोई सामान अनुपात नियत नही किया जा सकता है । बस इस तथ्य का ध्यान रखना होगा कि आप जिस कार्य मे संलग्न हो वह पूरी तत्परता और क्षमता से कर सको।यदि मानसिक श्रम करने वाला व्यक्ति अधिक व्यायाम करेगा तो उसे अधिक भोजन करना पड़ेगा ।अधिक भोजन करने  से उसे अधिक नींद आएगी। ऐसा व्यक्ति अपने कार्य मे पूरी तल्लीनता से कार्य नही कर पायेगा। इसी प्रकार शारीरिक परिश्रम पर आधारित व्यवसाय वाले व्यक्ति का व्यायाम भोजन का भिन्न अनुपात होगा ।नियमित जीवन इसलिए भी आवश्यक है कि इस भाग दौड़ की जिंदगी में  समय की भारी कमी रहती है ।व्यक्ति  को अपनी क्षमता को  पूर्णता प्रगट से करने के कई प्रकार के दायित्वों का निर्वाह करना पड़ता है। प्रत्येक दायित्व की पूर्ति के लिए सही अनुपात में समय देना महत्वपूर्ण है