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Saturday, April 14, 2012

नारियल पूजा में महत्वपूर्ण क्यों ?

नारियल फल का पूजा कर्म तथा किसी विद्वान व्यक्ति के सम्मान में बहुत महत्त्व है ऐसा क्यों ?
नारियल फल का उद्गम समुद्र के किनारे होता है 
इसके पेड़ ऊँचे ऊँचे होते है नारियल पेड़ की जड़े गहरी होती है नारियल फल भीतर से स्वादिष्ट मृदु जल से भरा तथा बाहर से खुरदरा रेशेदार कठोर कवच वाला होता है  
व्यवहारिक जीवन में हम देखते है 
की संसार सागर  ईर्ष्या परस्पर घृणा रूपी लवण से भरा है 
सज्जन व्यक्ति को संसार  विद्वेष रूपी लवण सागर के निकट रह कर भी ऐसे लवण युक्त जल से पर्याप्त दुरी रखते हुए 
मानवीय गहराईयों से  सद्गुणों के नीर को लेकर जीवन में मृदु जल रखना चाहिए 
तथा जिससे जीवन का मधुर स्वाद ग्रहण किया जा सकता है 
नारियल के बाहरी कवच कठोर होने तथा कवच रेशेदार होने का आशय यह है कि
जो मृदु जल एवम और मधुर स्वाद  सद्गुणों का ग्रहण किया है 
उन्हें सांसारिक बुराईयों से सुरक्षित रखना अत्यंत आवश्यक है अन्यथा हमारे व्यक्तित्व की अच्छाईयों को दुर्गुणों का संक्रमण लग सकता है 
हमें नारियल की तरह जीवन में सद्गुणों व्यक्तित्व  के सद्गुणों का संपोषण एवम संरक्षण करना चाहिए 
ऐसे व्यक्ति को ईश्वर  उसी प्रकार पसंद करते है जिस प्रकार ईश्वर को  नारियल फल उन्हें प्रिय होता है