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Tuesday, November 10, 2015

जीवन एक त्योहार

हमारा भारतवर्ष उत्सवों ,त्योहारों का देश है जो किसी ना किसी तरह हमें प्रभावित अवश्य करते है त्योहार बेरंग उदासीन जीवन में रंग भरता है तो कोई किसी के अधियारे जीवन मे प्रकाश करता है त्योहार हमें प्रसन्न करने का हमारी उदासीनता दूर करने का अवसर है इसके विश्लेषण से पता चलता हे की हमारे पूर्वजों ने  हमारे लिए एेसे समाज की व्यवस्था की जो हमारे  तनावपूर्ण  और उदासीनता भरे जीवन में प्रसन्नता उत्साह  व उमंग लाए त्योहारों के माध्यम से एक बार पुनः आने वाले संकटो  विपदाओ से दो -दो हाथ करने को  और उनसे जीतने को हम मजबूती से डटे रहे एक और बात गौर करने योग्य है त्योहार हमें भीतर से प्रसन्नता देते है कोई भी त्योहार आने से पहले ही हम प्रसन्नता का अनुभव करते है एक नये जोश व उत्साह के साथ उसके स्वागत  और तैयारियों में जुट जाते हे ये बाहरी नही अपितु भीतरी आनन्द का परिणाम है आश्य ये हे कि त्योहार आपके भीतर है प्रसन्नता आपके ही अंदर है इसलिये हम चाहे तो वर्षभर प्रसन्न रह सकते है हर दिन त्योहार मना सकते है जीवन का पर्याय त्योहार बन जाये यही जीवन की सफलता है।