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Wednesday, June 29, 2016

अभ्यास

स्वाध्याय से ज्ञान की प्राप्ति होती है
परन्तु अभ्यास से ज्ञान के उपयोग का कौशल्य प्राप्त होता है
ज्ञान जब तक व्यवहारिक उपयोगिता प्राप्त नहीं कर पाता
वह विज्ञान का रूप धारण नहीं करता है
इसलिए विज्ञान में प्रयोग होते है
प्रयोग से अभ्यास किया जाता है
निरंतर अभ्यास से विषय में विशेषञता दक्षता प्राप्त होती है
अभ्यास ही गुरु है अभ्यास ही अनुभव है 
अभ्यास से प्रावीण्य है अभ्यास ही एकलव्य है
गुरु केवल मार्ग दर्शन दे सकता है 
परन्तु ध्येय की प्राप्ति अभ्यास से ही संभव है