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Friday, November 23, 2012

अवसर,उपलब्धि एवम सफलता

तीन प्रकार व्यक्ति थे
प्रथम प्रकार के व्यक्ति को राह पर पडा
काॅच का टुकडा पडा मिला
उसने काॅच के टुकडे को हीरा समझ कर
अपने पास रख लिया
दूसरे व्यक्ति को राह पर हीरा मिला
जिसे उसने काॅच टुकडा समझ कर फेंक दिया
तीसरा व्यक्ति जिसे काॅच के टुकडे
अौर हीरे मे अन्तर ज्ञात था
फेंके गये हीरे को अपने पास रख लिया
आशय यह है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन मे
कर्मरत रहते कुछ उपलब्धिया हासिल होती
व्यक्ति उन उपलब्धियो अौर अवसरो की पहचान करे तो
उपब्धिया अनमोल रुप धारण कर
व्यक्ति के लिये जीवन पर्यन्त उपयोगी रहती है
कुछ व्यक्ति अपने जीवन मे काॅच के टुकडे के
समान बहुत सी अनुपयोगी वस्तुअो
अौर गुणहीन
                              व्यक्तियो के समूह को एकत्र कर
उन्हे अनमोल समझने की गलती कर बैठते है
हम बहुत से ऐसे व्यक्तियो को देखते है
जो जीवन मे हीरे या स्वर्ण के समान हाथ मे
अाये अवसरो को पहचान नही कर
पाने की वजह से उन्हें खो बैठते है
जबकि सभी जानते है कि जीवन मे सुनहरे
तथा हीरे से मूल्यवान अवसर बार-बार नही मिलते है
कितना भी दुर्भाग्यशाली व्यक्ति हो
उसके जीवन मे स्वर्ण अवसर उपलब्ध हो जाता है
परन्तु वह उसे पहचान नही पाता है
जीवन मे सुनहरे अवसरो की पहचान ही उपलब्धि बन जाती है
ऐसे कई उपलब्धियों का समूह व्यक्ति को
समग्र रुप से सफलता प्रदान करती है