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Monday, October 21, 2013

पुण्य-लघु कथा

पवित्र नदी  के किनारे जब सब लोग स्नान कर पूजा पाठ कर रहे थे| मूर्तियों का विसर्जन कर नारियल प्रवाहित कर नदी के घाट  पर कर्मकांड में व्यस्त थे| तभी एक व्यक्ति आया जिसके पास एक जोड़ कपडे थे| जो भी उसने पहन रखे थे पहने हुए कपडे उतार कर वह नदी में कूद पडा| ताजगी लिए लिए नदी से बाहर निकला |शरीर  को पोछने के लिए कोई वस्त्र नहीं होने के कारण वह धूप  में इधर -उधर टहलने लगा |थोड़ी ही देर में उसके शरीर  से पानी सूख चुका था और उसके द्वारा स्नान पूर्व धोया हुआ बनियान भी |उसने धुप में सूखे बनियान को पहना और वहा -वहा दृष्टि पात किया जहा थोड़ी ही देर पहले लोग पूजा कर पूजा सामग्री छोड़ गए थे| उस व्यक्ति को अवशेष के रूप में पड़ी पूजा सामग्री में दस रूपये का नोट नजर आया |इधर -उधर लोगो की निगाह से बचते हुए वह नोट चुपचाप अपनी जेब में रख लिया |उसको नदी के किनारे से कोई पुण्य  प्राप्त हुआ हो या नहीं जीने के लिए थोड़ा सा आर्थिक संबल प्राप्त हो चुका था |