प्राचीनकाल में एक राजा ने निम्न वर्ण और कुल की एक कन्या के रूप से मोहित होकर उससे विवाह कर लिया
तद पश्चात वह वह कन्या महारानी की तरह
राजसी भोग विलास कर महल में रहने लगी
कालान्तर में कन्या को महल का राजसी वातावरण कचोटने लगा
शनै शनै उसकी मित्रता महल की दासियों हो गयी
दासियों द्वारा किया जाने वाले महल के छोटे मोटे कार्य भी
उसके द्वारा किये जाने लगे
रानी के इस स्वभाव को देखकर दासियों में
रानी के प्रति सम्मान में कमी आने लगी
महल में दासियों द्वारा रानी के आदेशो की
जाने लगी रानी अपने कुल के संस्कारों के अनुरूप
पर पुरुषो के प्रति भी आसक्त होने लगी
महल में राजा के विरुध्द के षड़यंत्र रचे जाने लगे
गुप्तचरों से राजा को उसके विरुद्ध रचे जा रहे
षड्यंत्रों तथा उसके कारणो की जानकारी लगने
पर राजा को अपनी गलती समझ में आई
पर राजा को अपनी गलती समझ में आई
की विवाह हेतु कन्या का रूप ही नहीं
उसके गुण कर्म कुल संस्कार भी महत्वपूर्ण होते है