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Thursday, June 18, 2015

परिचय

मित्रता  प्रेम या आत्मीयता हो 
इन सभी का रास्ता परिचय से होकर  गुजरता है
अनजान अपरिचित अजनबी लोगो से परिचय निकालना 
हर किसी के लिए सहज सरल नहीं है
जो व्यक्ति चिर परिचित व्यक्तियो के बीच कार्य करने का आदि होता है
 वह स्वभाव से कूप मंडूक मानसिकता का होता है 
निरन्तर अपरिचित लोगो के बीच रह कर अपनी आजीविका चलाना 
एक चुनोति पूर्ण कार्य है 
परन्तु कुछ लोग जो इस प्रकार के रोजगार से जुड़ जाते 
धीरे धीरे उन्हें इस काम में मजा आने लग जाता है 
परिचय का प्रारम्भ संवाद से शुरु  होता है
अपरिचित लोगो से कैसे संवाद बिना किसी सन्दर्भ के कैसे 
स्थापित करना यह एक कला है 

Saturday, June 13, 2015

भय

भय दो प्रकार के होते है
 पहला वास्तविक भय दूसरा काल्पनिक भय 
व्यक्ति जितना अधिक भयभीत
 काल्पनिक भय से रहता है
 उतना भयग्रस्त वास्तविक भय से नहीं रहता काल्पनिक भय के कारण
 व्यक्ति के मनो मस्तिष्क में पलने वाली 
तरह तरह की आशंकाए 
तथा व्यर्थ के भ्रम होते है |
काल्पनिक भय व्यक्ति की
 उस मानसिक अवस्था का परिणाम होता है 
जो लंबे समय की निराशा तथा उससे उत्पन्न अवसाद है इस कारण व्यक्ति संभावित् दुष्परिणामो की 
कल्पना करता रहता है 
विश्व जितने भी तंत्र मन्त्र प्रेत बाधा की जो मान्यताये है ज्योतिष भविष्य वक्ताओं के कर्मकाण्ड है 
उनका मूल काल्पनिक भय है