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Monday, March 19, 2012

सकारात्मक ऊर्जा

सकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति को निराशा से आशा की और ले जाती है 
हम यह देखते है की कुछ व्यक्तियों का सान्निध्य 
किस प्रकार हमारे तन मन में आशा का संचार कर देता है 
जबकि कुछ व्यक्ति की नकारात्मक ऊर्जा हमें उसके प्रति अरुचि उत्पन्न कर देता है
  यही अच्छे बुरे व्यक्ति की पहचान होती है 
क्योकि मानव का शरीर और मन सूक्ष्म  कणों से बना होता है 
जिनका अदृश्य आभा चक्र होता है
 क्यों हमें मंदिर अथवा पूजा स्थल पर जाकर शान्ति मिलती है 
क्यों हमें संतो और महापुरुषों के निकट जाकर आत्मिक आनंद की प्राप्ति होती है 
इसका  एक मात्र सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण है 
जब हम किसी श्रेष्ठ एवं वन्दनीय व्यक्ति के चरण स्पर्श करते है 
तो उनके हाथ का हमारे मस्तक को तनिक स्पर्श हमें भीतर तक ऊर्जा से भर देता है 
पर देखने में यह भी आता है उम्र कुछ वरिष्ठ व्यक्तियों को हमें नमस्कार करने की इच्छा नहीं होती है 
ऐसा उन व्यक्तियों की भीतर के तमोगुण से भरे नकारात्मक ऊर्जा स्तर के कारण होता है 
कभी कभी यह देखने में आता है बड़े सभा गृह में बैठे बड़े जन समूह में किसी महान व्यक्ति के प्रवेश करते है अजीब अध्यात्मिक  उर्जा का अहसास  होता है 
 ऐसा उस महापुरुष की निरंतर मन -वचन -कर्म व् साधना द्वारा अर्जित शक्ति के कारण संभव हो पाता है 
इसलिए जीवन में सफलता हेतु अध्यात्मिक उत्थान आवश्यक है 
जो केवल सतत अध्यात्मिक साधना एवम निष्काम कर्म योग तथा जीवन में कथनी व करनी भेद समाप्त करने से संभव होता है