समय क्या है ?
समय एक प्रवाह है
परिस्थितियों का
समय एक अवसर है जिसको जिसने पहचान लिया
उसी का हो गया
समय और शख्स को बहुत जरुरी है
पहचानने के लिए अंतर्दृष्टि चाहिए
जो हर किसी के पास हो यह जरुरी नहीं है
जिन लोगो में समय और शख्स को पहचानने की दृष्टि नहीं होती
वे समय के प्रवाह और भावनाओ में बहे जाते है
और नित्य नवीन परिस्थितियों में ठगे जाते है
समय के अश्व को थामा नहीं जा सकता है
परन्तु समय को बदला जा सकता है
निरंतर पुरुषार्थ परिश्रम और सतत साधना है
समय भूत है वर्तमान है भविष्य है
भूत के साथ अनुभव है ज्ञान है बोध है
वर्तमान के साथ अनुभूतिया संवेदनाये नित्य नवीन होते रहे शोध है
भविष्य में अपेक्षाएं महत्वकांक्षाये निरंतर सम्भावनाये है
समय की सत्ता को जिसने समझा है जाना है
ईश्वर के अस्तित्व को उसने सही प्रकार से पहचाना है
समय एक प्रवाह है
परिस्थितियों का
समय एक अवसर है जिसको जिसने पहचान लिया
उसी का हो गया
समय और शख्स को बहुत जरुरी है
पहचानने के लिए अंतर्दृष्टि चाहिए
जो हर किसी के पास हो यह जरुरी नहीं है
जिन लोगो में समय और शख्स को पहचानने की दृष्टि नहीं होती
वे समय के प्रवाह और भावनाओ में बहे जाते है
और नित्य नवीन परिस्थितियों में ठगे जाते है
समय के अश्व को थामा नहीं जा सकता है
परन्तु समय को बदला जा सकता है
निरंतर पुरुषार्थ परिश्रम और सतत साधना है
समय भूत है वर्तमान है भविष्य है
भूत के साथ अनुभव है ज्ञान है बोध है
वर्तमान के साथ अनुभूतिया संवेदनाये नित्य नवीन होते रहे शोध है
भविष्य में अपेक्षाएं महत्वकांक्षाये निरंतर सम्भावनाये है
समय की सत्ता को जिसने समझा है जाना है
ईश्वर के अस्तित्व को उसने सही प्रकार से पहचाना है