सत्य का सत्ता से संघर्ष सनातन काल से चला आ रहा है
श्री परशुराम जो भगवान विष्णु के अवतार थे
शोषणकारी सत्ता के विरुद्ध खडे सत्य के प्रतिनिधी थे
शोषणकारी सत्ता के विरुद्ध खडे सत्य के प्रतिनिधी थे
एक और तत्कालीन शासक सहस्त्रबाहु की
शक्तिशाली प्रभुता सम्पन्न सत्ता
दूसरी और एक अकेला सन्यासी
जिसके पास परशु रूपी सतसंकल्प था
जो शोषण की प्रतीक अहंकारी सत्ता को
उखाडने के लिये प्रतिज्ञा बद्ध थे
उखाडने के लिये प्रतिज्ञा बद्ध थे
शासक जो जब शोषक का रूप धारण कर लेता है
तो हजारो हाथो से हजारो पध्दतियों
प्रक्रियाओं से जनता का शोषण करता है
ऐसा शासक स्वतन्त्र जागरूक और विचारवान नागरिक
के जीवन यापन के मूल एवम बुनियादी अधिकारो ,
के जीवन यापन के मूल एवम बुनियादी अधिकारो ,
संसाधनो का भी हरण कर लेता है
तत्कालिन समय मे सहस्र बाहु ने भी यही व्यवहार
भगवान परशुरामएवम उनके पिता जमदग्नि के साथ किया था
भगवान परशुरामएवम उनके पिता जमदग्नि के साथ किया था
तब आवश्यक हो जाता है कि उन हजारो हाथो को
काट दिया जाय जो आम नागरिको के शोषण के
साधन बन गये हो
काट दिया जाय जो आम नागरिको के शोषण के
साधन बन गये हो
सत्य का आकलन जन समूह की विशालता से नही
आंका जा सकता
आंका जा सकता
सत्य के संघर्ष मे कठिनाईया बहुत होती है
हर कोई सत्य का अनुगामी हो भी नही सकता
इसलिये सत्य से जुडे किसी नये विचार को
एका-एक समर्थन प्राप्त भी नही होत है
कहा जाता है की ऐसे किसी व्यक्ति या विचार को
विरोध ,आलोचना और समर्थन के दौर से
गुजरना होता है
गुजरना होता है
भगवान परशुराम के पास न तो जन मत था
न साधन थे, किसी प्रकार की सामरिक शक्ति भी नही थी
मात्र व्रहद उद्देश्य ,द्रढ इच्छा शक्ति,
सत्य का संबल और तप का बल
सत्य का संबल और तप का बल
हाथो मे परशु लिये पूरा संघर्ष करते रहे
सही मायनो मे भगवान परशुराम विश्व के
प्रथम क्रांति प्रवर्तक थे
प्रथम क्रांति प्रवर्तक थे
क्या कोई व्यक्ति कल्पना कर सकता है
कि विशाल सैन्य बल एवम अपरिमित पराक्रमी
जिसे भगवान शिव का वरदान प्राप्त हो
सहस्त्रबाहू को एक चरण पादुक धारी संन्यासी
परशु के बल पर परास्त कर सकता है
भगवान परशुराम ने असंभव को संभव कर दिखाया
इसलिये भगवान परशुराम काल जयी क्रान्ति के नायक है
उन्हे किसी वर्ग विशेष से न जोड़ कर
उनके व्यक्तित्व मे सत्य की शक्ति ,क्रान्ति की प्रव्रत्ति
और वर्तमान स्थितियो मे उनकी प्रासंगिकता को देखना होगा
भगवान परशुराम धर्म संस्थापक और दुष्ट दलन अवतार हम सभी के आराध्य और प्रेरणा स्त्रोत है उनका क्रोध भी कल्याणकारी है।
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