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Wednesday, October 24, 2012

दायित्व बोध

जीवन प्रबंधन ,व्यवसाय प्रबंधन के क्षेत्र में
दायित्व बोध का अत्यधिक महत्व है
व्यवहारिक जीवन में दो प्रकार के लोग होते है
प्रथम वे जो अपने दायित्व को भलीभांति समझते है
चाहे परिवार के प्रति दायित्व हो ,समाज के प्रति दायित्व हो ,
व्यवसाय के प्रति दायित्व हो या देश के प्रति दायित्व हो
प्रत्येक प्रकार के दायित्व को उठाने के लिए सदा तत्पर रहते है
दूसरे वे व्यक्ति होते है जिनमे दायित्व बोध की भावना नहीं होती
किसी प्रकार का दायित्व ऐसे व्यक्तियों पर डाला जाय तो
 वे यथा संभव उससे बचने का प्रयास करते है
दिए गए दायित्व से से वे पलायन करते है
जीवन में चहु और वे व्यक्ति सफलता प्राप्त करते है
जिनमे दायित्व बोध की भावना कूट -कूट कर भरी होती है
जिस व्यक्ति में जिस अनुपात में दायित्व वहन करने की क्षमता होती है
उतने ही अनुपात में उन पर दायित्व का भार डाला जाता है
जिस व्यक्ति पर दायित्व का भार जितनी अधिक मात्रा में होता है
उस व्यक्ति के अधिकारों का विस्तार उतना ही अधिक होता है
जिस व्यक्ति को जितने अधिकार प्राप्त होता है
वह व्यक्ति उतना ही अधिक सामाजिक रूप से
शक्ति सम्पन्न तथा विश्वसनीय व्यक्ति होता है
दायित्व से पलायन करने  वाले
व्यक्ति अकर्मण्य, अधिकारों से विहीन ,
एवं आत्मविश्वास से विहीन होते है
जीवन में ऊर्जा पाने के लिए यह आवश्यक है
कि हम दायित्व वान व्यक्तियों से जुड़े
स्वयं में दायित्व बोध कि भावना जाग्रत करे

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