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Monday, November 12, 2012

रूप चौदस या नरक चौदस

दीपावली पर महालक्ष्मी पूजन अर्थात अमावस्या के एक दिन पूर्व
चौदस की तिथि को रूप चौदस या नरक चौदस के रूप में 
संबोधित किया जाता है
मान्यता है की रूप चौदस को श्रृंगार पक्ष पर
 विशेष ध्यान दिया जाता है
जब हम रूप या श्रृंगार के विषय पर विचार करते है तो
अच्छे स्वास्थ्य के बिना रूप की कल्पना तक नहीं की जा सकती है 
स्वास्थ्य की अनदेखी कर कोई भी व्यक्ति रूपवान नहीं हो सकता है
स्वास्थ्य के बिना किया गया श्रृंगार कृत्रिमता लिए हुए होगा
 रूप  चौदस के एक दिन पूर्व को  धन तेरस को
धन्वन्तरी जयंती के रूप में भी मनाया जाता है

धन्वन्तरी आयुर्वेदाचार्य थे तथा सम्राट विक्रमादित्य के समकालीन थे
उज्जैन जिले के महिदपुर नगर के निकट 
धन्वन्तरी महादेव का मंदिर विद्यमान है
जहां भगवान् शिव माता पार्वती के साथ 
प्रतिमा रूप में दृष्टिगत होते है
मान्यता है की मंदिर के समीप कुए के जल कई रोग दूर होते है
माना जाता है की इस स्थान पर 
धन्वन्तरी की प्रयोगशाला स्थित थी
इसलिए कुए में ओषधिय रसायन की 
संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है
रूप चौदस के एक दिन पूर्व स्वास्थ्य को ठीक रखने हेतु
आयुर्वेदाचार्य धन्वन्तरी से आशीष लेकर 
अच्छे स्वास्थ्य की कामना करने से
जो रूप मिलेगा उसमे कृत्रिमता नहीं होगी नैसर्गिकता रहेगी
नैसर्गिकता भरे रूप में ही शिव शंकर पार्वती विराजमान रहते है
 इसलिए आयुर्वेदाचार्य  धन्वन्तरी  की महिदपुर स्थित
अनुसंधानशाला
पर महादेव पार्वती का मंदिर विद्यमान है
रूप केवल व्यक्ति के बाहरी आकार
प्रकार से निर्धारित नहीं होता है
आतंरिक गुणों का अत्यधिक महत्त्व होता है

इसलिए रूप चौदस को नरक चौदस के रूप में भी 
सम्बोधित किया जाता है
ऐसा इसलिए भी कहा जाता है कि
भगवान् कृष्ण ने भौमासुर नामक ऐसे राक्षस का वध 
 इस दिन किया था
जिसने भिन्न -भिन्न राज्यों की रूपवान राजकुमारियो का 
हरण कर बंदी बनाया था
राक्षस ने रूपवान राजकुमारियो के रूप का
उनकी इच्छा के विरुध्द उपभोग किया था

भगवान् कृष्ण द्वारा इस दिन भौमासुर राक्षस के वध का 
आशय यह है कि रूप हो या अच्छा स्वास्थ्य हो 
वह भोग कि नहीं योग कि विषय वस्तु है
जो व्यक्ति अच्छे स्वास्थ्य का आश्रय ले सुन्दर रूप का 
 उपभोक्ता प्रवृत्ति से उपभोग करेगा
उसका शीघ्र विनाश सुनिश्चित है योग में भगवान कृष्ण है
भोग में भौमासुर है भोग से अंत है जैसा कि भौमासुर का हुआ था
योग में योगेश्वर है योगेश्वर शिव है कृष्ण है

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