इस प्रश्न के उथले तौर कई जबाब हो सकते है
परन्तु सही जबाब यह है की हंस प्रतीक है धवल आचरण का
हंस प्रतीक है नीर क्षीर विवेक का
हंस प्रतीक है ज्ञान सरोवर में रमण करने वाले चित्त का
हंस प्रतीक है कल्पना पखेरू का
इसलिए माता सरस्वती ऐसे चित्त में प्रवेश करती है
जो ज्ञान सरोवर में रमण करता हो
माता सरस्वती धवल आचरण एवं ऊँचे शील से युक्त व्यक्ति की
मति को अपना आसन बनाती है
माँ सरस्वती कल्पना पखेरू जिसका एक पंख जिज्ञासा
और दूसरा पंख अन्वेषण का होता है
उसे नया आकाश प्रदान करती है
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