व्यक्ति कितना ही बड़ा हो यदि वह किराए के मकान में रहता हो तो
दुनिया के लिए वह कितना ही सम्मानीय हो। मकान मालिक के लिए वह सिर्फ किरायेदार है । मानो वह मकान का मालिक ही नहीं किराए दार के जीवन का भी मालिक है। एक अच्छा किरायेदार वह है जो मकान मालिक के चहरे के भावो को देखकर अनुमान लगा ले की मकान मालिक चाहता क्या है। मकान खाली कराना चाहता है या किराया बढ़ाना चाहता है ।
मकान मालिक कई प्रकार के होते है। परन्तु सबसे आदर्श मकान मालिक वह है जो उस मकान में नहीं रहता हो । जिसमे मकान किराए से लेना हो कुछ मकान मालिक अविवाहित व्यक्तियों को किराए से देना पसंद करते है तो कुछ मकान मालिक शादीशुदा जोड़ो को मकान किराए से देने में प्राथमिकता देते है। अविवाहित छात्रों को मकान किराए से देने पीछे मकान मालिक का आशय यह रहता है की किराया पूरा लेने के बावजूद मकान से जुडी बुनियादी सुविधाओ का किरायेदार कम से कम दोहन करे परिवार वालो को मकान किराए से देना वे मकान मालिक पसंद करते है। जिनके मकान में बड़े -बड़े गलियारे और खुले स्थान होते है। जिनकी साफ़ सफाई करना अत्यंत कठिन और परिश्रम का कार्य होता है ।परिवार वालो को किराए से देने से वे आसानी से किराएदार के परिवार की महिलाओ से उक्त कार्य करवा सकने में समर्थ होते है।
कुछ मकान मालिक मकान का निर्माण ही किराए से देने के प्रयोजन से करा लेते है ऐसे मकान मालिक के एक नहीं अनेक किराए दार होते है। अनेक किराएदारो के बीच रहते रहते उन्हें ऐसा लगता है। मानो वे किसी रियासत के राजा हो इसलिए वे अपनी प्रजा का समय -समय पर निरिक्षण करते रहते है। किराएदारो की छोटी मोटी गतिविधियों पर उनकी गिध्द दृष्टि रहती ऐसा लगता की किरायेदार का एक मात्र यही अपराध है की उनके पास स्वयं का कोई मकान नहीं है। और वे किसी मकान मालिक के किराए दार है ।इसलिए उनकी निजता बनाये रखने का तरीका नहीं होता हैइसलिए हे किराए दार बंधुओ मकान मालिक के चयन में अत्यंत सावधान रहो समस्या तब खड़ी होती है। जब मकान मालिक के आजीविका का अन्य कोई साधन न हो तब तो महीना पूरा होने के पहले ही मकान मालिक किराए दारो की चौखट पर किराए हेतु आकर खड़ा हो जाता है इस समस्या से निजात पाने के लिए कुछ मकान मालिक मकान किराए से देने से पहले एक माह का किराया एडवांस के रूप में जमा करा लेते है। इसलिए जीवन में कुछ बन पाओ या न बन पाओ एक बार जीवन में मकान मालिक बनने का सुख जरूर प्राप्त करो ।
दुनिया के लिए वह कितना ही सम्मानीय हो। मकान मालिक के लिए वह सिर्फ किरायेदार है । मानो वह मकान का मालिक ही नहीं किराए दार के जीवन का भी मालिक है। एक अच्छा किरायेदार वह है जो मकान मालिक के चहरे के भावो को देखकर अनुमान लगा ले की मकान मालिक चाहता क्या है। मकान खाली कराना चाहता है या किराया बढ़ाना चाहता है ।
मकान मालिक कई प्रकार के होते है। परन्तु सबसे आदर्श मकान मालिक वह है जो उस मकान में नहीं रहता हो । जिसमे मकान किराए से लेना हो कुछ मकान मालिक अविवाहित व्यक्तियों को किराए से देना पसंद करते है तो कुछ मकान मालिक शादीशुदा जोड़ो को मकान किराए से देने में प्राथमिकता देते है। अविवाहित छात्रों को मकान किराए से देने पीछे मकान मालिक का आशय यह रहता है की किराया पूरा लेने के बावजूद मकान से जुडी बुनियादी सुविधाओ का किरायेदार कम से कम दोहन करे परिवार वालो को मकान किराए से देना वे मकान मालिक पसंद करते है। जिनके मकान में बड़े -बड़े गलियारे और खुले स्थान होते है। जिनकी साफ़ सफाई करना अत्यंत कठिन और परिश्रम का कार्य होता है ।परिवार वालो को किराए से देने से वे आसानी से किराएदार के परिवार की महिलाओ से उक्त कार्य करवा सकने में समर्थ होते है।
कुछ मकान मालिक मकान का निर्माण ही किराए से देने के प्रयोजन से करा लेते है ऐसे मकान मालिक के एक नहीं अनेक किराए दार होते है। अनेक किराएदारो के बीच रहते रहते उन्हें ऐसा लगता है। मानो वे किसी रियासत के राजा हो इसलिए वे अपनी प्रजा का समय -समय पर निरिक्षण करते रहते है। किराएदारो की छोटी मोटी गतिविधियों पर उनकी गिध्द दृष्टि रहती ऐसा लगता की किरायेदार का एक मात्र यही अपराध है की उनके पास स्वयं का कोई मकान नहीं है। और वे किसी मकान मालिक के किराए दार है ।इसलिए उनकी निजता बनाये रखने का तरीका नहीं होता हैइसलिए हे किराए दार बंधुओ मकान मालिक के चयन में अत्यंत सावधान रहो समस्या तब खड़ी होती है। जब मकान मालिक के आजीविका का अन्य कोई साधन न हो तब तो महीना पूरा होने के पहले ही मकान मालिक किराए दारो की चौखट पर किराए हेतु आकर खड़ा हो जाता है इस समस्या से निजात पाने के लिए कुछ मकान मालिक मकान किराए से देने से पहले एक माह का किराया एडवांस के रूप में जमा करा लेते है। इसलिए जीवन में कुछ बन पाओ या न बन पाओ एक बार जीवन में मकान मालिक बनने का सुख जरूर प्राप्त करो ।
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