महत्त्व इस बात का नहीं की किसने कितना दुःख देखा दैन्य और दरिद्रता पूर्ण परिस्थितियों में जीवन व्यतीत किया महत्व इस बात का है की दुःख देखने के बाद भी व्यक्ति ने परिस्थितियों से संघर्ष किया जीवन में सफलता हासिल की उपलब्धिया अर्जित की जैसे तैसे जीवन जी लेना आसान है परन्तु जीवन स्वाभिमान और जीना बहुत कठिन है अपमानित होकर तो कई व्यक्ति जीते है परन्तु जीवन में आत्मसम्मान बचा कर सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त करना अत्यंत कठिन है जीवन में श्रम का अत्यधिक महत्व है परिश्रम का उपदेश करना भी आसान है परन्तु स्वयं परिश्रम करते हुए आदर्श प्रस्तुत करना बहुत कठिन है
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