Total Pageviews

Tuesday, June 3, 2014

सुदर्शन चक्र और गरुड़

भगवान विष्णु सज्जनो के सरंक्षण 
तथा दुर्जनो के विनाश हेतु सदा तत्पर रहते थे
इसलिए उनका वाहन गरुड़ है
 गरुड़  की दृष्टि अत्यंत तीव्र रहती है
और गति अत्यंत द्रुत और अद्भुत 
याद करते ही भगवान विष्णु सहायता के लिए
तुरंत पहुँच जाते है 
यह केवल उनके वाहन गरुड़ देवता से संभव है
भगवान विष्णु के हाथो में सुशोभित सुदर्शन चक्र 
जो दुष्टो को दंड देने हेतु
सदा तत्पर रहता है एक बार छोड़ें जाने के बाद
 वह दुष्ट का शिरोच्छेदन के बाद ही लोटता था
शिर अर्थात मस्तिष्क में 
 विचारो और विकारो का स्थान होता है
 सुदर्शन चक्र दुष्ट विचारो
               और विकारो के विरुध्द संघर्ष  का परिचायक है
सुदर्शन अर्थात श्रेष्ठ दर्शन जीवन में 
श्रेष्ठ विचारो का स्थान होना चाहिए 
विचार अच्छे या बुरे हो सकते है 
लड़ाई सदा वैचारिक होनी चाहिए  
अच्छी विचार धारा से जुड़े सज्जन व्यक्तियों का समूह
 जब संगठित होकर कोई प्रयास करता है 
तो वह षडयंत्रो पर आधारित वैचारिक विकृतियों का 
समूल नाश करता है 
वर्तमान में जो भी व्यक्तियों के समूह 
अच्छे विचारो के लिए कार्य कर रहे है 
वे भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र की तरह है
 
 

No comments:

Post a Comment