भगवान विष्णु सज्जनो के सरंक्षण
तथा दुर्जनो के विनाश हेतु सदा तत्पर रहते थे
इसलिए उनका वाहन गरुड़ है
गरुड़ की दृष्टि अत्यंत तीव्र रहती है
और गति अत्यंत द्रुत और अद्भुत
याद करते ही भगवान विष्णु सहायता के लिए
तुरंत पहुँच जाते है
यह केवल उनके वाहन गरुड़ देवता से संभव है
भगवान विष्णु के हाथो में सुशोभित सुदर्शन चक्र
जो दुष्टो को दंड देने हेतु
सदा तत्पर रहता है एक बार छोड़ें जाने के बाद
वह दुष्ट का शिरोच्छेदन के बाद ही लोटता था
शिर अर्थात मस्तिष्क में
विचारो और विकारो का स्थान होता है
सुदर्शन चक्र दुष्ट विचारो
विचारो और विकारो का स्थान होता है
सुदर्शन चक्र दुष्ट विचारो
और विकारो के विरुध्द संघर्ष का परिचायक है
सुदर्शन अर्थात श्रेष्ठ दर्शन जीवन में
श्रेष्ठ विचारो का स्थान होना चाहिए
विचार अच्छे या बुरे हो सकते है
लड़ाई सदा वैचारिक होनी चाहिए
अच्छी विचार धारा से जुड़े सज्जन व्यक्तियों का समूह
जब संगठित होकर कोई प्रयास करता है
तो वह षडयंत्रो पर आधारित वैचारिक विकृतियों का
समूल नाश करता है
वर्तमान में जो भी व्यक्तियों के समूह
अच्छे विचारो के लिए कार्य कर रहे है
वे भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र की तरह है
सुदर्शन अर्थात श्रेष्ठ दर्शन जीवन में
श्रेष्ठ विचारो का स्थान होना चाहिए
विचार अच्छे या बुरे हो सकते है
लड़ाई सदा वैचारिक होनी चाहिए
अच्छी विचार धारा से जुड़े सज्जन व्यक्तियों का समूह
जब संगठित होकर कोई प्रयास करता है
तो वह षडयंत्रो पर आधारित वैचारिक विकृतियों का
समूल नाश करता है
वर्तमान में जो भी व्यक्तियों के समूह
अच्छे विचारो के लिए कार्य कर रहे है
वे भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र की तरह है
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