जन्म मरण जीवन का शाश्वत सत्य है
यह घटना हर व्यक्ति के जीवन में घटित होती है
किसी व्यक्ति का जन्म कहा हो ?
यह घटना हर व्यक्ति के जीवन में घटित होती है
किसी व्यक्ति का जन्म कहा हो ?
कैसे हो?
यह कोई व्यक्ति स्वयं निर्धारित नहीं कर सकता
परन्तु जन्म लेने के बाद
व्यक्ति अपने शुभ और महान कर्मो से
अपने जन्म को सार्थक बना सकता है
असल में ऐसे सार्थक जीवन के जन्म को ही याद रखा जाता है ऐसे व्यक्तियों जन्म दिवस को उत्सव के रूप इसलिए नहीं मनाया जाता कि
वह विशेष कुल गौत्र में पैदा हुआ
वह विशेष कुल गौत्र में पैदा हुआ
अपितु इसलिए मनाया जाता है कि
वह कितनी विषम परिस्थितियों मे जीकर भी
उसने विशेष और सराहनीय
और समाज उपयोगी कार्य किये
इसलिये महान व्यक्ति अपना जन्मदिवस
स्वयं नहीं मनाते
समाज याद करता है ठीक उसी प्रकार से मरण
सुनिश्चित होने पर भी
व्यक्ति पवित्र उद्देश्य के लिए
जीवन का बलिदान देता है
तो उसे शहीद कहा जाता है
परन्तु जितना महत्वपूर्ण जीवन का बलिदान होता है उतना ही महत्वपूर्ण
समाज और देश के लिए
तिल तिल कर जीना होता है
महान व्यक्तियो के जीवित रहते
उनकी विशेषताओ से समाज परिचित नहीं हो पाता है लेकिन पूरा जीवन जी लेने के बाद
उनके द्वारा जिन महान विचारो और प्रकल्पों का बीजारोपण किया गया था
अंकुरण होने पर समाज ऐसे व्यक्तियो को
महापुरुष के रूप में प्रतिष्ठित करता है
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