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Monday, December 12, 2011

दंड का अनुपात


दंड नीती सामान्य सिद्दांत यह है की किसी अपराधी को उसके अपराध की मात्रा के अनुरूप दंड देना चाहिए
पुराणिक पात्रो में गौतम ऋषि अहिल्या इन्द्र का प्रसंग आता है
यह कथा है इन्द्र ने छल से गौतम ऋषि का रूप धर कर गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या का शील भंग किया था
तब गौतम ऋषि ने इन्द्र को कुष्ठ रोगी अर्थात शरीर छिद्र -मय होने का श्राप दिया था
जबकि रावण ने माता सीता का हरण किया था तो श्रीराम जो भगवान् विष्णु के अवतार थे
ने रावण को मृत्यु -दंड दिया था रावण का अपराध इन्द्र के अपराध से लघु था
फिर रावण को मृत्यु दंड एवम इन्द्र को मात्र श्राप
इस प्रश्न का उत्तर कोई तर्क -शास्त्री दे या न दे
पर ईश्वर कभी अनुपातहीन दंड दे ही नहीं सकता
जहा तक इन्द्र को बलात्संग से गंभीर मामले में मात्र श्राप देना का कतई यह अर्थ नहीं है
की उन्हें देवता होने का लाभ मिला
अपितु तात्पर्य यह है की गौतम ऋषि एक तपस्वी व्यक्ति थे
जिनके लिए विवाहित जीवन का इतना महत्व नहीं था
और उनके लिए विवाह आवश्यक भी नहीं था
इसलिए उनकी परिस्थितिया श्रीराम से भिन्न थी
श्रीराम पिता से वचन बद्द होकर वनवासरत जो भगवान् विष्णु के अवतार होकर मर्यादा में रह कर मानव रूप धारण कर घोर विषम परिस्थितियों में निवास रत थे
ऐसे व्यक्ति जिसको पूर्व में उसके पिता ने घर से निकाल दिया हो जो दर -दर की ठोकरे खा रहा हो
उस व्यक्ति के प्रति किया गया छोटा अपराध भी दीर्घ होता है
ऐसे व्यक्ति सहायता के स्थान पर पीड़ित करना मानवता को लज्जित करने वाला होता है
और फिर सीता जी स्वयम महालक्ष्मी काअवतार थी
वर्तमान भारतीय दंड व्यवस्था मे भारतीय दंड विधान कि धारा ३२३ सामान्य व्यक्ति के साथ मारपीट के बारे मे दंड प्रावधानित करती है
जिसमे अधिकतम दंड एक वर्ष है जबकि किसी लोक सेवक के सााथ मारपीट मे उक्त अधिनियम की धारा ३३२ मे तीन वर्ष तक का कारावास प्रावधानित है
तत्कालीन परिस्थितियों मे श्रीराम स्वयम के लिये नही संसार कल्याण की भावना के लिये भगवान विष्णु के अंश होकर अवतरित हुये थे
जबकि गौतम अपने अात्म कल्याण हेतु तपस्वी के रूप मे रह रहे थे
इसलिये श्रीराम कि लोक सेवक की अवस्था भी थी

1 comment:

  1. dand apraad aur nyay ke visaya main itni gud gambheer aur gahree baat ka manthan karna,aur Niskarsh par pahuch kar Nyay ka anupat lagana ye chintan sirf ek vicharsheel vyakti athwa saty se juda koi Nyaydish he kar sakta hai.

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