सिकंदर और बागबान
ये यूनान के राजा सिकंदर के जीवन से जुड़ा प्रसंग हैं ये प्रसंग सिकंदर के विश्व विजय अभियान से पहले का हैं.
ये यूनान के राजा सिकंदर के जीवन से जुड़ा प्रसंग हैं ये प्रसंग सिकंदर के विश्व विजय अभियान से पहले का हैं.
यूनान के सम्राट सिकंदर ने अपने महल मैं एक बहुत बड़ा बगीचा बनवा रखा था उस बगीचे मैं विश्व की कई महान हस्तियों की प्रतिमाये सिकंदर ने बनवा रखी थी, सिकंदर प्रतिदिन घंटो उन प्रतिमाओं को देखता ,
एक दिन सिकंदर बगीचे मैं घूम रहा था बगीचे का माली भी वही खड़ा था माली प्रतिदिन सिकंदर को उन प्रतिमाओ को निहारते देखता और मन ही मन कुछ विचार करता उसके मन मैं कुछ शंका थी जो वो सम्राट से पूछना चाहता था पर भय के कारण कुछ न कहता.
ये बात सिकंदर को किसी तरह समझ मैं आ गई की बागबान के मन मैं कुछ शंका हैं
तो सिकंदर ने बागबान से कहा मुझे लगता हैं तुम्हारे मन मैं कुछ प्रशन हैं निडर होकर बोलो क्या बात हैं, बागबान ने हलके स्वर मैं कहा महाराज मेरे मन मैं एक शंका हैं वो ये हैं की इस बाग़ में आपने बड़े बड़े राजाओं आदि महान लोगो की प्रतिमाए बनवा रखी हैं आप प्रतिदिन इन्हें घंटो निहारते हैं पर आप स्वयं इतने बड़े सम्राट हैं इस बाग़ में स्वयं आप की एक भी मूर्ति नहीं हैं इससे मुझे आश्चर्य होता हैं.
ये सुन सिकंदर मुस्कुराये और बागबान से बोले - ये मुर्तिया उन लोगो की हैं जिन्होंने अपने जीवन में कुछ असम्भव कार्य किया हो. इन्हें नित्य देखकर मुझे प्रेरणा मिलती हैं और रही ये बात की स्वयं मेरी मूर्ति मैंने क्यों नहीं बनवाई तो इसका कारण ये हैं की अभी तक मैंने अपना अंतिम लक्ष्य प्राप्त नहीं किया हैं और वेसे भी में नहीं चाहता की लोग मेरी मूर्ति देख कर मुझे याद रखे बात तो तब है जब लोग इन प्रतिमाओ को देखे और कहे की सम्राट सिकंदर की प्रतिमा कहाँ हैं में लोगों के मनों में विचारों में याद रखा जाना अधिक पसंद करूँगा ना की अपनी प्रतिमाएं लोगो पर थोप कर स्वयं को महान कहलाना. इससे कई बेहतर हैं की में गुमनाम ही रहूँ .
सम्राट सिकंदर की ये बातें सुनकर बागबान सिकंदर के संकल्प को समझ गया और जान गया की सिकंदर की प्रतिमा बगीचे में क्यों नहीं हैं वो समझ गया की आने वाले समय में सिकंदर के द्वारा एक बड़ा कार्य पूर्ण होगा कुछ तो महान होगा ____________________________ कुछ बड़ा बहुत बड़ा
Pratimaaye preranaa ke liye hoti hai
ReplyDeletejinase sadvichaar milate hai
yadi vichaar aur sankalp mahaan ho to pratimaao ki kya aavshyakataa hai