श्रध्दा से ही श्राध्द हुआ ,श्रध्दा को पहचान
श्रध्दा है सत्कर्म परायण ,श्रध्दा से कल्याण
श्राध्द कर्म से पितृ कृपा ,पितृ कृपा वरदान
जो इस वर को पा न सका ,जीवन से अनजान
धूप,दीप और भोज चढ़े ,पितरो को तर्पण
पूर्वज देवो नमो: नम: ,तव चरणन कुछ अर्पण
श्रध्दा है सत्कर्म परायण ,श्रध्दा से कल्याण
श्राध्द कर्म से पितृ कृपा ,पितृ कृपा वरदान
जो इस वर को पा न सका ,जीवन से अनजान
धूप,दीप और भोज चढ़े ,पितरो को तर्पण
पूर्वज देवो नमो: नम: ,तव चरणन कुछ अर्पण
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