ऑक्सिजन बढ़ाने के लिये उन्होंने तरह के एंटी ऑक्सीडेंट , मल्टी विटामिन की दवाईयां अलग से रखी हुई है । दिन में दो बार बाकायदा वे ऑक्सीडोमीटर से अपना ऑक्सिजन का लेवल चेक करते रहते है । उनका प्रयास यह रहता है कि किसी भी परिस्थिति में उनका ऑक्सीजन लेवल 97 से कम न रहे । पर्याप्त ऑक्सिजन का लेवल पाए जाने पर उनके चेहरे पर संतुष्टि ही नही प्रसन्नता भी दिखाई देती है ।उनके होठो पर एक हल्की सी मुस्कान भी तैरती रहती है । उन्हें मात्र स्वयम के ऑक्सिजन लेवल की ही चिंता नही अपितु परिवार के सभी सदस्यों को भी वे ऑक्सिजन लेवल बढ़ाने के लिए भी प्रेरित करते रहते है ।
उन्होंने पूरी लिस्ट बना रखी है कि कौनसा पौधा कितनी कार्बन डाई ऑक्सईड सौंखता है और कितनी ऑक्सिजन देता है । कौनसे पौधे 12 घंटे ऑक्सिजन देते है और कौनसे पौधे 24 घण्टे ऑक्सिजन देते है ।उनके ऑक्सिजन सूंघने की क्षमता अत्यंत अद्भुत है । वे किसी भी पेड़ के निकट जाकर बता देते है अभी वह कितनी ऑक्सिजन दे रहा है और भविष्य में कितनी दे सकता है
ऑक्सिजन लेवल को उन्होंने सीधे प्रतिरोधक क्षमता से जोड़ रखा है ।उनका दावा है कि जब तक ऑक्सिजन का लेवल अच्छा है ।कोरोना उनका बाल भो बांका नही कर सकता है । उनकी दृढ़ मान्यता है कि आदमी कोरोना से नही मरता ऑक्सिजन का स्तर कम होने से मर जाता है ।उन्होंने ऑक्सिजन लेवल संधारित करने के आपातकालीन उपाय भी कर रखे है ।मोहल्ले के लोग आश्वस्त है कि उनके रहते किसी व्यक्ति ओक्सिजन का लेवल कम नही हो सकता ।
उनकी ऑक्सिजन के प्रति जागरूकता देखकर लोग उन्हें ऑक्सिजन पुरुष के रूप पहचानने और जानने लगे । उनके दर्शन मात्र से ऑक्सिजन प्राप्त करने का पुण्य प्राप्त होता है । जरा सा किसी का ऑक्सिजन लेवल कम हुआ कि नही की वह ऑक्सिजन पुरुष के दर्शन का अभिलाषी हो जाता है। मचल उठता है कि उसे किसी भी हालत में ऑक्सिजन पुरुष के दर्शन करना है। कितना भी गंभीर रोगी हो उनके दर्शन के उपरांत स्वयम को स्वस्थ अनुभव करने लगता है । उनकी ऑक्सिजन के प्रति इस आसक्ति के कारण उन्हें ऑक्सिजन अवार्ड देने की जोरो से मांग उठने लगी है ।
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