लोग अच्छाई की बाते करते है
पर अच्छे व्यक्तियों को पसंद नहीं करते है
तथा कथित अच्छे लोगो को
बुरे लोगो में अच्छाई दिखाई देती है
अच्छे लोगो की अच्छाई उन्हें दिखाई नहीं देती
क्योकि अच्छे लोगो को अपनी अच्छाई
प्रचारित करना नहीं आती
बुरे लोगो बुराइयो को भी अच्छाइयों का
आवरण पहना कर सस्ती लोकप्रियता अर्जित कर लेते है
अच्छे लोगो को लोग पसंद करने लगे
अच्छाइयों को प्रोत्साहित करने लगे
बुरे लोगो में भी अच्छा व्यक्ति बनने की प्रेरणा जाग्रत हो जाए
तब बिना किसी प्रकार के आंदोलन के ही
सब कुछ अच्छा होने लग जाएगा
वर्तमान में सारे आंदोलन बुराईयो के विरोध पर आधारित है
जिससे बुराईया चर्चित हो जाती है
बुरा बन कर लाभ प्राप्त करने के सारे तरीके से
लोग अवगत हो जाते है
बुराईयो का जाने अनजाने विस्तार होता जाता है
इस प्रकार के आंदोलन नकारात्मक सोच पर
आधारित आंदोलन होते है
हमें एक ऐसे आंदोलन की आवश्यकता है
जो सकारात्मक सोच पर आधारित हो
अच्छे व्यक्तियों को प्रोत्साहन
अच्छे कार्यो की सराहना और सहयोग
सच्चाई और अच्छाई को बल प्रदान करते है
शनै :शनै : अच्छाई की जड़े विस्तार पा जाती है
बुराई के विरुध्द आंदोलन करने के बजाय
बुराई को अनावृत्त करने की आवश्यकता है
क्योकि बुराई किसी भी प्रकार की हो उसे आवरण चाहिए
बिना आवरण के कोई भी बुरा कार्य नहीं सकता
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