बीता हुआ समय
बीता हुआ समय व्यक्ति ,समाज
या देश का हो सकता है
सामान्य रूप से देश या समाज का इतिहास
अध्ययन का विषय होते है
व्यक्तिगत इतिहास आत्मकथा की शक्ल में होता है
इतिहास क्यों लिखा और पढ़ा जाता है ?
त्रुटियों की पुनरावृत्ति न हो
बीते हुए अनुभवों से लाभ उठाया जाए और भविष्य संवारा जाय
इसलिए इतिहास लिखा और पढ़ा जाता है
मात्र अतीत के गौरव पूर्ण स्मृतियों को याद कर उनमे खो जाने के लिए इतिहास नहीं होता
गौरव पूर्ण स्मृतियों से तो हम आगे बढ़ने की प्रेरणा ग्रहण करते है
पुरुषार्थी व्यक्ति ,चरित्रवान व्यक्तियों से परिपूर्ण समाज या देश नित्य नवीन नए
कीर्तिमान बनाते है स्वयं आगे बढ़ते है समाज ,देश को आगे बढाते है
और निरंतर नवीन इतिहास रचाते है
ऐसे व्यक्ति ,समाज ,देश पर इतिहासविद नया इतिहास लिख पाते है
इतिहास बनाने वाले व्यक्ति इतिहास पुरुष ही नहीं
महापुरुष कहलाते है
अकर्मण्य पुरुष तो मात्र अतीत की स्वर्णिम स्मृतियों के बल पर ही जी पाते है
इसलिए इतिहास के पृष्ठों पर अंकित गौरव में अभिभूत रहने के बजाय
नित्य नवीन इतिहास बनाओ
अतीत की त्रुटियों से सीखो परिपूर्णता के साथ पुरुषार्थ करो
और इतिहास के इस विलक्षण गुण से सुखद भावी का निर्माण करो