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Sunday, July 31, 2016

बादशाह हलवाई मंदिर


बादशाह हलवाई मंदिर जबलपुर जो बारहवी शताब्दी का होकर कलचुरी कालीन है इस मंदिर की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें शिवलिग भगवान् के साथ पञ्च मुखी शिव जी की संगमरमर के पत्थर पर उत्कीर्ण अत्यंत सुन्दर और चैतन्य प्राण प्रतिष्ठित प्रतिमा है गर्भ गृह में शिव जी के परिवार में गणेश जी की नर्मदा जी सरस्वती जी पार्वती जी और भैरव बाबा की मुर्तिया भी विराजमान है मंदिर के प्रांगण में नंदी जी और स्तम्भो पर सभी प्रकार के देवी देवताओ की मुर्तिया उत्कीर्ण है
मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है जहा जाने के लिए ऊंचा सीढ़ीनुमा दुर्गम मार्ग है

Friday, July 29, 2016

दक्ष प्रजापति और शिव

दुष्ट लोग अकारण सज्जनो से 
शत्रुता का भाव रखते है
उसका परिणाम क्या होता है 
यह शिव एवम् दक्ष प्रजापति का प्रसंग बताता है 
दक्ष प्रजापति शिव जी के श्वसुर थे 
जो अकारण शिव जी से घृणा करते थे 
जबकि शिव जी ने कभी भी ऐसा कार्य नहीं किया 
जिससे दक्ष प्रजापति को कष्ट पहुचा हो 
शिव जी सदैव संतुष्ट हर प्रकार की परिस्थितियों में 
प्रसन्न रहने वाले लोक कल्याण की 
भावना रखने वाले देवता है 
शिव जी ने कभी भी दक्ष कन्या 
सती को प्राप्त करने का  प्रयत्न नहीं किया 
इसके विपरीत दक्ष कन्या ने स्वयं ही 
तपस्या कर शिव जी का वरण किया था 
इसके बावजूद शिव के प्रति दुर्भावना पूर्ण विचारो के कारण दक्ष प्रजापति दुराग्रह से ग्रस्त रहे 
परिणाम क्या हुआ दक्ष प्रजापति को
 वराह मुख प्राप्त हुआ 
इसलिए अकारण शत्रुता भाव 
सज्जनो के प्रति नहीं रखना चाहिए यह शिव दक्ष प्रजापति की यह कथा सन्देश देती है 

Monday, July 18, 2016

गुरु और गुरुत्व

गुरु और गुरुत्व एक दूसरे के पर्याय है 
गुरुत्व शब्द से आशय आकर्षण से है 
आकर्षण  व्यक्ति या पदार्थ दोनों में हो सकता है 
पदार्थ का आकर्षण व्यक्ति में 
विकार और व्यसन पैदा करता है
परन्तु गुरु सत्ता का आकर्षण व्यक्ति में 
विचार संस्कार उतपन्न करता है
गुरु का गुरुत्व अपने शिष्य को अपनी और खींचता है 
जिस व्यक्ति के व्यक्तित्व में आकर्षण हो 
वही किसी को अपनी और खिंच सकता है
आकर्षण भी कई प्रकार के हो सकते है 
परन्तु गुरु का आकर्षण सात्विक अलौकिक होता है 
व्यक्ति को जो व्यक्ति पतन से उत्थान की 
और ले जाने वाला होता है 
पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन का इसलिए विधान होता है 
क्योकि गुरु ही वह व्यक्ति होता है 
जो व्यक्ति को पूर्णता प्रदान करता है

Wednesday, July 13, 2016

सीख

उपयोगिता हाथी बैल ऊंट और घोड़े गधे
से सीखनी चाहिए
निर्भीकता सिंह से सीखनी चाहिए
प्रीती और एकता की प्रतीती पक्षी वानर और हाथी से ग्रहण करनी चाहिए
वफादारी अश्व और कुत्तो से सीखनी चाहिए
स्फूर्ति चीता और घोड़े से सीखनी चाहिए
कायरता दुर्बलता तो भेड़ बकरियो की तरह समूह में जरूर रहती है परन्तु मुसीबत आने पर तितर बितर हो जाती है

Saturday, July 9, 2016

पलायन या वैराग्य

कुछ लोग कर्म से पलायन कर अपनी जिम्मेदारियो से मुह मोड़ कर वैराग्य का वेश धारण कर लेते है
कर्म क्षेत्र में असफलता के कारण धारण वैराग्य वास्तविक अर्थो में वैराग्य न होकर पलायन होता है
ऐसे व्यक्ति जहा जाते वहा अपनी अकर्मण्यता का बोध कराते है व्यक्ति चाहे कही भी रहे किसी भी देश में किसी भी वेश में रहे कर्म कभी उसका पीछा नहीं छोड़ता यह सत्य है कि कर्म का स्वरूप अवश्य बदल जाता है कर्म शील व्यक्ति द्वारा धारण किया गया वैराग्य ही सच्चा वैराग्य होता है व्यक्ति के में शुचिता हो तो वह किसी भी वेश में रहे देश में रहे वैरागी है

Sunday, July 3, 2016

उत्पादकता

किसी देश की जी.डी. पी,उस देश के नागरिको की उत्पादक शक्ति पर निर्भर होती है भारतीय नागरिको की
उत्पादक शक्ति का दुनिया लोहा मानती है उत्पादकता के पैमाने अलग अलग हो सकते है सैनिको की उत्पादकता उनके शौर्य में समाहित होती है विद्यार्थी की उत्पादकता उसके अध्ययन और विषय समझ पाने की सामर्थ्य में खिलाड़ियों की उत्पादकता देश के लिए उनके अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन पर निर्भर होती परन्तु विदेशियो एक षड्यंत्र के तहत हमारी उत्पादकता को कम किया है कभी क्रिकेट के माध्यम से कभी सोशल वेबसाइट के माध्यम से युवा पीढ़ी को अभ्यस्त बना कर नशे का आदि बनाकर देश एवम् समाज विरोधी शक्तियों हमारे नागरिको की उत्पादक शक्ति का ह्रास कर रही है हमें इन सारी नकारात्मक परिस्थितियों से उबरना होगा