सौन्दर्य सम्पन्नता में ही नहीं होता सादगी में भी होता है सीधा सच्चा ग्राम्य परिवेश प्रकृति का सामीप्य पा अधिक आकर्षक लगता है वैभव के मानदंड समृद्धि ही नहीं होते इतिहास उज्ज्वल हो तो प्राचीन किले की टूटी दीवारे और जींर्ण शीर्ण महल भी अपनी वैभव गाथा कहते है अन्यथा तो संगमरमर से बने साफ़ सुथरे कई राजसी महल अपनी कलंकित ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के चलते वैभव खो चुके है और पांच सितारा होटलों में बदल कर विदेशियो के सत्कार में पलक पावड़े बिछा कर अपना वैभव तलाश रहे है