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Saturday, June 13, 2015

भय

भय दो प्रकार के होते है
 पहला वास्तविक भय दूसरा काल्पनिक भय 
व्यक्ति जितना अधिक भयभीत
 काल्पनिक भय से रहता है
 उतना भयग्रस्त वास्तविक भय से नहीं रहता काल्पनिक भय के कारण
 व्यक्ति के मनो मस्तिष्क में पलने वाली 
तरह तरह की आशंकाए 
तथा व्यर्थ के भ्रम होते है |
काल्पनिक भय व्यक्ति की
 उस मानसिक अवस्था का परिणाम होता है 
जो लंबे समय की निराशा तथा उससे उत्पन्न अवसाद है इस कारण व्यक्ति संभावित् दुष्परिणामो की 
कल्पना करता रहता है 
विश्व जितने भी तंत्र मन्त्र प्रेत बाधा की जो मान्यताये है ज्योतिष भविष्य वक्ताओं के कर्मकाण्ड है 
उनका मूल काल्पनिक भय है