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Friday, May 11, 2018

आत्म तत्व और मंत्र शक्ति

मंत्र जीवित रहते व्यक्ति की आत्म बल को बढ़ाता है
परन्तु व्यक्ति के मृत हो जाने के बाद भी उसका प्रभाव आत्मा के साथ बना रहता है किसी भी मंत्र का जप नियमित रूप से दीर्घ अवधि तक किया जाता है तो वह आत्मा का संस्कार बन जाता है देह की अचेतन अवस्था मे वह आत्मा के पंख की तरह क्रियाशील हो जाता है आत्मा मंत्र रूपी पंखो के सहारे इच्छित दिशा में चलायमान होने में समर्थ होती है वह स्वयं के निर्णय लेने में समर्थ रहती है नकारात्मक शक्तियां मंत्र शक्ति से परिपूर्ण आत्मा को प्रभावित नही कर सकती है इसलिए जीवन मे नियमित मंत्र जाप अत्यंत उपयोगी है