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Saturday, April 12, 2014

महाभारत युध्द के पूर्व कौरव और पांडव दोनों पक्ष युध्द में सहायता हेतु
 विश्व में समस्त राजाओ से सम्पर्क कर रहे थे इसी क्रम में भगवान कृष्ण के समक्ष सहायता हेतु दुर्योधन और अर्जुन एक साथ पहुंचे तब भगवान कृष्ण शयन कर रहे थे दुर्योधन जो अभिमानी था वह भगवान श्री कृष्ण के माथे के सिरहाने बैठ गया और अर्जुन जो भक्त ह्रदय था वह भगवान कृष्ण के चरणो की और बैठ गया अर्जुन का शरीर का तनिक स्पर्श भगवान श्रीकृष्ण के चरणो को होने पर भगवान कृष्ण की नींद खुली स्वाभाविक है की उनकी दृष्टि चरणो में बैठे अर्जुन पर पड़ी विवाद उत्पन्न होने पर भगवान श्री कृष्ण ने कहा की उन्होंने चुकी अर्जुन को पहले देखा इसलिए पहले अर्जुन को सहायता माँगने का अधिकार है सभी जानते है अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण को अपने पक्ष में शामिल होने के लिए कहा और दुर्योधन ने यदुवंश को सेना का चयन किया विजय उसी पक्ष की हुई जिस और भगवान श्रीकृष्ण थे महाभारत का यह  प्रसंग  बताता हैसोये हुए व्यक्ति की और चरणो की और से सम्मुख होना चाहिए व्यक्ति के चरण के अंगुष्ठ से मस्तिष्क का गहरा सम्बन्ध होता है चरणो के अंगुष्ठ को दबाने पर सोया हुआ व्यक्ति जाग्रत हो जाता है और जागने पर प्रसन्न चित्त होकर आवश्यक सहयोग प्रदान कर सकता है इसके विपरीत मस्तक की और सम्मुख होने पर सोया हुआ व्यक्ति जागने पर कुपित हो जाता है जिसके वांछित परिणाम प्राप्त नहीं होते है