Total Pageviews

Saturday, August 23, 2014

जितेंद्रीय

व्यक्ति  की कार्य क्षमता  का थकान से 
बहुत गहरा सम्बन्ध होता है 
व्यक्ति थकता क्यों है?
 व्यक्ति या तो बहुत अधिक परिश्रम से थकता है 
या व्यक्ति थकता इसलिए है की 
उसे सम्बंधित कार्य को करने में रूचि नहीं होती 
व्यक्ति को रूचि के अनुसार कार्य करने का अवसर मिले तो 
उसे किये गए कार्य से 
थकान के स्थान पर ऊर्जा प्राप्त होती है 
 जिस व्यक्ति को संगीत में रूचि नहीं उसे संगीत 
सुनने  और जिस व्यक्ति को पढने में रूचि नहीं 
उसे किताब पढने से थकान अनुभव होने लगती  है 
थकान का तन से अधिक मन से सम्बन्ध होता है
 इसलिए थकान भरी अवस्था से मुक्ति पाना हो तो 
हमें अपनी रुचियों में परिवर्तन करना होगा
 या तो हम अपनी वृत्ति के अनुरूप अपनी रूचि बदल ले 
या हम अपनी रूचि के अनुसार अपनी वृत्ति का चयन कर ले
 जितना कठिन व्यक्ति का अपनी रूचि में परिवर्तन है
 उससे अधिक कठिन अपनी रूचि के अनुसार 
वृत्ति या आजीविका का सफलता पूर्वक चयन कर लेना है
 सबसे बेहतर है कि
 हमें अपना स्वभाव अपनी वृत्ति के अनुरूप विकसित करना होगा
यह संभव तभी हो पायेगा 
जबकि हमारा अपनी इन्द्रियों पर संयम हो 
जिसका अपनी इन्द्रियों पर संयम होता है 
वह जितेंद्रीय कहलाता है