Total Pageviews

Saturday, November 2, 2013

महालक्ष्मी पूजा के निहितार्थ

अकेली महादेवी लक्ष्मी उल्लू पक्षी पर आरूढ़ रहती है 
अर्थात जो व्यक्ति मात्र धन के पीछे भागता है 
लालच वश वह मुर्ख बन कर ठगा जाता है
हम  ऐसे कई लोगो को पहचानते है जिन्होने धन लोलुपता के कारण 
गलत प्रकार से गलत योजनाओ में धन का निवेश किया और 
अपने जीवन भर कि कमाई गँवा बैठे
जब महादेवी लक्ष्मी भगवान् विष्णु के साथ रहती है 
भगवान् विष्णु कर्म के देव होने से उनकी अनुगामिनी हो जाती है 
जहां कर्म है वहा धन के स्त्रोत अपने अपने आप उत्पन्न  हो जाते है 
यथार्थ में  हम ऐसे कई लोगो को देखते है 
जो एक समय कुछ भी नहीं थे 
उनके पास किसी प्रकार कि धन सम्पत्ति नहीं थी 
परन्तु कर्मरत रहने से धीरे धीरे वे सम्पन्न होते चले गए
महालक्ष्मी जब भगवान् गणेश के साथ रहती है तो 
धन  के साथ ऐश्वर्य भौतिक सुख आरोग्य कि प्राप्ति   होती है
गणेश के साथ महालक्ष्मी की  पूजा से 
स्थिर लक्ष्मी सहज ही प्राप्त हो जाती है 
इसलिए महालक्ष्मी पूजा के समय उपरोक्त तथ्यो को  
याद रखना आवश्यक है