भगवान् गणेश सभी देवो में प्रथम पूज्य है
गणेश शब्द का संधि विच्छेद किये जाने पर गण+ईश होता है
गण शब्द एक से अधिक एक ही सामान वर्ग के व्यक्तियों के लिए होता है
जैसे विद्यार्थी गण ,देवतागण ,शिक्षकगण ,इत्यादि
गण शब्द गणित विषय से भी सम्बंधित होता है
गणेश शब्द का संधि विच्छेद किये जाने पर गण+ईश होता है
गण शब्द एक से अधिक एक ही सामान वर्ग के व्यक्तियों के लिए होता है
जैसे विद्यार्थी गण ,देवतागण ,शिक्षकगण ,इत्यादि
गण शब्द गणित विषय से भी सम्बंधित होता है
जीवन में गणित के बिना कुछ भी संभव नहीं है
चाहे वह किसी भी प्रकार की गणना हो
चाहे वह किसी भी प्रकार की गणना हो
समस्त ज्ञान -विज्ञान भिन्न -भिन्न गणनाओं पर आधारित है
अर्थ शास्त्र में ज्योतिष में भी गणना के आधार पर निष्कर्ष निकाले जाते है
इसलिए गणेश देव का तात्पर्य भिन्न -भिन्न विषयों में जो गणनाये की जाती
अर्थ शास्त्र में ज्योतिष में भी गणना के आधार पर निष्कर्ष निकाले जाते है
इसलिए गणेश देव का तात्पर्य भिन्न -भिन्न विषयों में जो गणनाये की जाती
और उससे जो निष्कर्ष निकाले जाते उनके ईश्वर
तथा भिन्न -भिन्न वर्गों के व्यक्तियों के द्वारा सामूहिक एवं अनुशासित रूप से
तथा भिन्न -भिन्न वर्गों के व्यक्तियों के द्वारा सामूहिक एवं अनुशासित रूप से
किसी ध्येय के लिए एक साथ कार्य किया जाता है
उन भिन्न भिन्न प्रकार के गणों के ईश है
इसलिए गणपति अथर्वशीर्ष में गणेश जी को
उन भिन्न भिन्न प्रकार के गणों के ईश है
इसलिए गणपति अथर्वशीर्ष में गणेश जी को
अग्नि ,ब्रह्मा ,इन्द्र ,वायु ,चन्द्रमा ,इत्यादि देवताओं का
स्वरूप माना गया है
इसके अतिरिक्त सभी प्रकार के ज्ञान एवं विज्ञान का
इसके अतिरिक्त सभी प्रकार के ज्ञान एवं विज्ञान का
प्रतिरूप कहा गया है
गणेश जी से जुडी विद्या को गणेश विद्या संबोधित किया गया है
गणेश जी से जुडी विद्या को गणेश विद्या संबोधित किया गया है
इसलिए गणेश जी की साधना करने के उपरान्त किसी भी देव की साधना करना आवश्यक नहीं होती
जिसने जीवन को गणेश जी के समान गणितीय रूप से
जिसने जीवन को गणेश जी के समान गणितीय रूप से
सुलझा लिया हो
उसे जीवन में समस्त समाधान प्राप्त होते है
जिस व्यक्ति ने जीवन के गणित समझ लिया हो
उसे जीवन में समस्त समाधान प्राप्त होते है
जिस व्यक्ति ने जीवन के गणित समझ लिया हो
वह रिश्ते के समीकरण सुलझा लेता है
जिस व्यक्ति ने समूह में काम करना सीख लिया हो
जिस व्यक्ति ने समूह में काम करना सीख लिया हो
,समूह की शक्ति को जान लिया हो
वह बड़े से बड़े लक्ष्य प्राप्त कर लेता है
वह बड़े से बड़े लक्ष्य प्राप्त कर लेता है