इस स्थान पर महाभारत काल मे युधिष्ठर का यक्ष से संवाद हुआ था । तत्समय की कथा यह है कि वनवास के समय पांडवो को प्यास लगी तो पांडवो के सबसे अनुज भ्राता सहदेव ने कहा कि वे पानी घड़े भर कर निकट के सरोवर से लाते है । सहदेव इस स्थल पर स्थित कुंड पर पानी लेने गए तो वापस नही लौटे । ज्येष्ठता के क्रम में एक एक कर पांडव भ्राता पानी लेने गए पर कोई नही लौटा । अंत मे युधिष्ठर अपने भाईयों को ढूंढने के लिए तो उनका साक्षात्कार इस स्थल पर यक्ष से हुआ । इसी कुंड के पास भीम अर्जुन नकुल सहदेव अचेत अवस्था मे पड़े हुए थे। यक्ष के द्वारा युधिष्ठर के समक्ष जो प्रश्न रखे गए , उनके सही उत्तर जैसे जैसे युधिष्ठर देते गये वैसे वैसे सभी पांडव भ्राता जीवित होते गए । यक्ष उस समय इस कुण्ड की सुरक्षा में रत रहता था। यह स्थान सतना जिले में धार कुण्डी के समीप ऊंचे पहाड़ों के बीच घने वन के बीच स्थित है
Total Pageviews
Sunday, November 22, 2020
अपघर्षण कुण्ड-यक्ष युधिष्ठर सम्वाद स्थल
इस स्थान पर महाभारत काल मे युधिष्ठर का यक्ष से संवाद हुआ था । तत्समय की कथा यह है कि वनवास के समय पांडवो को प्यास लगी तो पांडवो के सबसे अनुज भ्राता सहदेव ने कहा कि वे पानी घड़े भर कर निकट के सरोवर से लाते है । सहदेव इस स्थल पर स्थित कुंड पर पानी लेने गए तो वापस नही लौटे । ज्येष्ठता के क्रम में एक एक कर पांडव भ्राता पानी लेने गए पर कोई नही लौटा । अंत मे युधिष्ठर अपने भाईयों को ढूंढने के लिए तो उनका साक्षात्कार इस स्थल पर यक्ष से हुआ । इसी कुंड के पास भीम अर्जुन नकुल सहदेव अचेत अवस्था मे पड़े हुए थे। यक्ष के द्वारा युधिष्ठर के समक्ष जो प्रश्न रखे गए , उनके सही उत्तर जैसे जैसे युधिष्ठर देते गये वैसे वैसे सभी पांडव भ्राता जीवित होते गए । यक्ष उस समय इस कुण्ड की सुरक्षा में रत रहता था। यह स्थान सतना जिले में धार कुण्डी के समीप ऊंचे पहाड़ों के बीच घने वन के बीच स्थित है
Subscribe to:
Posts (Atom)