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Saturday, May 16, 2015

व्यक्तित्व निर्माण की पाठशाला

इस दुनिया में दो प्रकार के स्वभाव वाले व्यक्ति होते है एक प्रकार के वे लोग है जिनको ये पता नहीं होता कि वे क्या बोल रहे है उन्हें क्या बोलना चाहिए ऐसे व्यक्तियो की बात का कोई मूल्य नहीं होता समाज में कोई स्थान नहीं होता भले ही वे स्वयं को कितना ही महत्वपूर्ण व्यक्ति समझ ले बड़ी बड़ी डींगे हांकना अनावश्यक निंदा स्तुति ऐसे व्यक्तियो का स्वभाव होता है  दूसरे प्रकार के वे व्यक्ति होते है जिनके शब्दों का मूल्य होता है अनावश्यक न तो किसी की प्रशंसा करते है न ही किसी की निंदा ऐसे व्यक्ति क्षमता और प्रतिभा से परिपूर्ण होते है उनकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होता  ऐसे व्यक्तियो को स्वयं के बारे में कोई भ्रान्ति नहीं होती अपितु समाज में उनकी बात को ध्यान से सूना जाता है और उसको महत्व दिया जाता है  हमें स्वयं का मूल्यांकन कर सोचना चाहिए कि हमारा स्वभाव क्या है यही मानदंड हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करते है व्यक्तित्व निर्माण की यही पाठशाला है