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Sunday, March 16, 2014

होली का पर्व

होली का पर्व अभिजात्य वर्ग का पर्व नहीं 
अभिजात्य मानसिकता त्याग कर 
सर्वहारा वर्ग का जीवन जी लेने का पर्व है 
ज्ञान ,धन ,वैभव का अहंकार त्याग करने का पर्व है 
विशेष व्यक्ति से सामान्य व्यक्ति बन जाने का यह उत्सव है 
व्यक्ति जब तरह -तरह के अहंकारो में बंध जाता है 
तो वह एक तरह कि कृत्रिमता का आवरण से घिर जाता है 
काल्पनिक छवि स्व यम कि गढ़ लेता है
 स्व यम में ही सारी विशेषता पाता है 
उसके लिए अपनी आलोचना सुनना सम्भव नहीं होती 
चाटुकारिता उसे अच्छी लगती है 
होली चाटुकारीता  प्रवृत्ति से मुक्ति पाने का अवसर है 
स्व यम के व्यक्तित्व कि वास्तविकता जानने का दिवस है 
अपनी जड़ो से जुड़ जाने सहज मस्ती अपनाने 
रंगो में मौसम कि उमस पाने का पर्व है 
हर प्रकार के रंग को आत्मसात कर लेने मे होली का आनंद है