नर्मदा नदी के तट पर एक बुजुर्ग दम्पत्ति जिनकी आयु साठ वर्ष की पार कर चुकी थी
पुण्य सलिला में स्नान करने के पश्चात
तट पर बिखरे पत्थरो को एकत्र कर छोटा घर का प्रतिरूप बनाया
पूछने पर बताया की जीवन स्वयं का घर बने यह उनका सपना है
माँ नर्मदा उनकी मनोकामना पूरी करेगी
मैंने उनसे पूछा की आयु के इस मुकाम तक क्या उन्होंने
इतना भी संचय नहीं किया की वे घर बना पाए
जीवन भर उन्होंने क्या किया ?
उनका जबाब था की जीवन भर वे तीर्थ यात्रा करते रहे
पुण्य सलिला में स्नान करने के पश्चात
तट पर बिखरे पत्थरो को एकत्र कर छोटा घर का प्रतिरूप बनाया
पूछने पर बताया की जीवन स्वयं का घर बने यह उनका सपना है
माँ नर्मदा उनकी मनोकामना पूरी करेगी
मैंने उनसे पूछा की आयु के इस मुकाम तक क्या उन्होंने
इतना भी संचय नहीं किया की वे घर बना पाए
जीवन भर उन्होंने क्या किया ?
उनका जबाब था की जीवन भर वे तीर्थ यात्रा करते रहे