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Tuesday, April 14, 2015

झूठ के प्रकार

पहले हम जितने प्रतिबध्द होकर सत्य बोलते थे
उससे कही ज्यादा प्रतिबध्द होकर हम झूठ बोलते है
झूठ बोलने कई कारण हो सकते है और कई प्रभाव हो सकते है
कुछ लोग झूठ केवल मजा लेने के लिए बोलते है
कई लोग झूठ अपनी झूठी शान बढ़ाने के लिए बोलते है
दोनों प्रकार के झूठ से किसी को हानि नहीं होती
पर झूठ बोलने वाले को एक अलग ही  प्रकार की संतुष्टि प्राप्त होती है
कुछ लोग झूठ दूसरो के झूठ को आश्रय देने के लिए बोलते है
इस झूठ को बोलने के कारण भय ,पाखण्ड का प्रसार होता है 
सबसे विषैला और विनाशकारी झूठ वह होता है जो किसी को हानि पहुचाने के लिए बोला जाए 
इस प्रकार के झूठ में हिसा की भावना निहित होती है 
इसलिए धर्म परायण लोगो को चाहिये वे यथा संभव सत्य बोले यदि सत्य बोलना कठिन हो तो वे न बोले 
परंतु दूसरे के झूठ को आश्रय देने के लिए या हानि पहुचाने  के लिए झूठ न बोले