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Wednesday, March 16, 2016

सीमित विश्वास और जीवन प्रबंधन

विश्वास करना या न करना 
व्यक्ति व्यक्ति पर निर्भर करता है 
परन्तु किसी पर एकदम से 
 अविश्वास कर लेना 
और हर किसी पर विश्वास करना 
भी उचित नहीं है 
जो व्यक्ति हर किसी पर
 जरुरत से अधिक विश्वास कर लेता है
 विश्वास घात उसी व्यक्ति के साथ होता है
 और जो व्यक्ति किसी पर भी
 विश्वास नहीं करता 
वह सदा संशयग्रस्त रहता है 
जीवन में व्यवहारिक दृष्टि से असफल रहते है
एक बहुत पुरानी कहावत है 
सीमित संपर्क ,सीमित विश्वास, 
सर्वोपरि आत्मविश्वास ,
सीमित विश्वास का तात्पर्य यह है कि
 किसी कार्य के लिए कौनसा व्यक्ति उपयुक्त है
 यह निर्धारित करने के बाद
 किसी व्यक्ति की कार्य क्षमता 
और उसके व्यक्तिगत गुणों का आकलन कर 
उस पर विश्वास करना 
जीवन प्रबंधन का यही सर्वश्रेष्ठ मार्ग है 
इसी मार्ग से समूह का नेतृत्व कर 
दक्षता पूर्वक समूह के
 प्रत्येक सदस्य से कार्य लिया जा सकता है