संसार में ईर्ष्या भी है प्रीत भी
यह आप पर निर्भर है कि आप किसे पाने चाहते हो
संसार में आनंद भी है अवसाद भी
यह आप पर निर्भर है आप किसे पाना चाहते हो
संसार में लोभ भी है संतोष भी
यह आप पर निर्भर है कि आप किसे पाना चाहते हो
संसार में भोग और रोग भी है योग भी
यह आप पर निर्भर है कि आप किसे पाना चाहते हो
संसार में संस्कार भी है विकार भी
यह आप पर निर्भर है कि किस और जाना चाहते हो
संसारिक सम्बन्धो में सौहार्द भी है कलह भी
यह आप पर निर्भर है कि आप किसे निभाना चाहते हो
सबंधो में स्वार्थ भी है परमार्थ भी है
यह यह आप पर निर्भर है
आप किस भाव को अपने व्यक्तित्व में समाना चाहते हो
संसार में सम्भावना भी है शून्य भी
यह आप पर निर्भर है कि आप किसे पाना चाहते हो