Total Pageviews

Thursday, October 17, 2013

जीवन में शिक्षा का महत्व

किसी भी व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का अत्यधिक महत्व होता है
 व्यक्ति की बौध्दिक क्षमता उसके द्वारा ग्रहण की गई 
शिक्षा पर निर्भर करती है 
व्यक्ति कितनी भी आयु और अनुभव प्राप्त कर ले 
उसके द्वारा शिक्षा के प्रति की गई उपेक्षा   तकलीफ देह होती है 
व्यक्ति का प्रत्येक वस्तु  व्यक्ति विषय को समझने  नजरिया
परिस्थितियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण
 उसके शैक्षणिक योग्यता को परिलक्षित करता है 
जो लोग यह सोचते है की शिक्षा मात्र रोजगार पाने का साधन है
 भारी त्रुटी करते है 
अल्प शिक्षित व्यक्ति कभी भी उच्च स्तर  के विचारों का 
सृजन नहीं कर सकता 
शिक्षा पाने के  ओपचारिक और अनौपचारिक तरीके हो सकते है 
ज्ञान का उच्च स्तर  ओपचारिक शिक्षा का मोहताज नहीं होता 
कला कौशल साहित्य संगीत में निपुणता 
अनौपचारिक शिक्षा से अत्यंत कारगर तरीके पाए जा सकते है
 अनौपचारिक शिक्षा में भले व्यक्ति को कोई
उपाधि प्राप्त न हो 
परन्तु अध्ययन में समर्पण और रूचि होने के कारण व्यक्ति में 
काल्पनिकता और आविष्कार प्रवृत्ति का उद्भव होता है 
 अशिक्षित या अल्प शिक्षित व्यक्ति अपने 
निम्न कोटि के सोच के फलस्वरूप 
एक स्तर के ऊपर सोच ही नहीं सकता 
अनौपचारिक शिक्षा के का कारण 
जो सद्गुरुओ  के सान्निध्य में रह कर
 तुलसी सूर कबीर मीरा ने वो साहित्य रचा 
जो केवल पाण्डित्य  पूर्ण ज्ञान से प्राप्त नहीं हो सकता

समस्या प्रबंधन

लोग अलग अलग समस्याओं के लिए 
अलग ग्रहों की शान्ति के उपाय करते है
कुछ लोग राहू  केतु तो कुछ लोग शनि मंगल ,को 
प्रसन्न करने के लिए ज्योतिषियों से मंत्रणा करते है
भूल जाते है की नव गृह का मुखिया सूर्य देव है
 फिर क्यों नहीं लोग मात्र सूर्य की उपासना से 
अपने सारे कष्ट कर लेते है 
समझदार व्यक्ति समस्याओं के निवारण के लिए
 समस्याओं की परिधि को स्पर्श न कर 
समस्याओं के केंद्र का संधान करते है
 इससे व्यर्थ के परिश्रम में अपव्यय होने वाली ऊर्जा से 
बचा जा सकता है 
जीवन समस्याओं से घिरा हुआ है
 परन्तु सभी समस्याओं  की जड़ 
कोई एक मुख्य समस्या हुआ करती  है 
मुख्य समस्या हल होते ही शनै शनै आनुषांगिक समस्याए 
निराकृत होने लगती  है
 इसलिए समस्याओं से उबरने का सही उपाय है
 मुख्य समस्या का समाधान करे