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Monday, July 18, 2016

गुरु और गुरुत्व

गुरु और गुरुत्व एक दूसरे के पर्याय है 
गुरुत्व शब्द से आशय आकर्षण से है 
आकर्षण  व्यक्ति या पदार्थ दोनों में हो सकता है 
पदार्थ का आकर्षण व्यक्ति में 
विकार और व्यसन पैदा करता है
परन्तु गुरु सत्ता का आकर्षण व्यक्ति में 
विचार संस्कार उतपन्न करता है
गुरु का गुरुत्व अपने शिष्य को अपनी और खींचता है 
जिस व्यक्ति के व्यक्तित्व में आकर्षण हो 
वही किसी को अपनी और खिंच सकता है
आकर्षण भी कई प्रकार के हो सकते है 
परन्तु गुरु का आकर्षण सात्विक अलौकिक होता है 
व्यक्ति को जो व्यक्ति पतन से उत्थान की 
और ले जाने वाला होता है 
पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन का इसलिए विधान होता है 
क्योकि गुरु ही वह व्यक्ति होता है 
जो व्यक्ति को पूर्णता प्रदान करता है